उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से आसपा सांसद चंद्रशेखर आजाद ने प्रदेश सरकार की बिजली दरों में वृद्धि की संभावनाओं पर तीखा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक परेशानियों से जूझ रही जनता पर बिजली महंगी होने का भारी असर पड़ेगा, खासकर मजदूरों और छोटे व्यापारियों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि बिजली की दरों में वृद्धि की गई तो उनकी पार्टी पूरे प्रदेश में इसका कड़ा विरोध करेगी।
नगीना सांसद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है कि उत्तर प्रदेश की जनता पहले से ही बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार से परेशान है, और अब सरकार गरीबों की पहुँच से बिजली को दूर कर केवल अमीरों के घरों को रौशन करना चाहती है। 30% तक बिजली महंगी करने की तैयारी यह स्पष्ट संकेत है कि योगी सरकार आम जनता, किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों के हित की नहीं, बल्कि मुनाफाखोर कंपनियों के पक्ष में काम कर रही है।
चंद्रशेखर ने जनआंदोलन की भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार इस जनविरोधी फैसले को लागू करती है तो आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) पूरे प्रदेश में बड़ा जनआंदोलन करेगी। उन्होंने एक अखबार की खबर का हवाला देते हुए बताया कि यूपी में बिजली की कीमतों में 30% तक की वृद्धि की संभावना है। अगर यह हुआ तो यह छह महीनों के भीतर बिजली दरों में दूसरी बार वृद्धि होगी।
अखबार की खबर के अनुसार, यूपी की बिजली कंपनियों ने आय-व्यय के संतुलन को देखते हुए 19,600 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान लगाया है। इस घाटे की भरपाई के लिए कंपनियां बिजली की दरों में 30% तक की बढ़ोतरी करना चाहती हैं। उन्होंने राज्य विद्युत नियामक आयोग से इस घाटे को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेने का अनुरोध किया है। आयोग को कंपनियों की वित्तीय स्थिति का आकलन कर बिजली दरें तय करनी हैं, जो संभवतः जून के अंत तक घोषित की जाएंगी।