तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की गौशाला में कथित लापरवाही के चलते पशुओं की मौत के आरोपों को लेकर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने दावा किया कि जांच करने से रोकने के लिए उनके एक नेता को नजरबंद किया गया है। इस बीच आंध्र प्रदेश पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि किसी भी नेता को नजरबंद नहीं किया गया है और सभी को गौशाला का दौरा करने की अनुमति है। टीडीपी और वाईएसआरसीपी के बीच इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक तनातनी तेज हो गई है।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेताओं ने गुरुवार को तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की गौशाला में कथित लापरवाही से गायों की मौत के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि पुलिस ने उन्हें गौशाला के अंदर प्रवेश से रोक दिया, जिससे वे स्थिति की जांच नहीं कर सके।
प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने इसे “कायरतापूर्ण कार्रवाई” बताते हुए टीटीडी प्रबंधन पर अव्यवस्था और लापरवाही का आरोप लगाया। इस विरोध में पूर्व टीटीडी चेयरमैन भूमना करुणाकर रेड्डी, तिरुपति के सांसद एम. गुरु मूर्ति समेत कई वाईएसआरसीपी नेता शामिल हुए।
नेताओं ने आरोप लगाया कि तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पुलिस का इस्तेमाल करके गौशाला में हुई लापरवाही के सबूतों को दबाने का प्रयास कर रही है। सांसद गुरु मूर्ति ने पुलिस की कार्रवाई को “शर्मनाक” बताया।
भूमना करुणाकर रेड्डी ने चुनौती दी कि अगर सरकार में हिम्मत है तो उन्हें गौशाला का निरीक्षण करने की अनुमति दी जाए, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वहां पशुओं की देखरेख किस स्तर पर की जा रही है। उनका कहना था, “हमें अंदर नहीं जाने दिया गया क्योंकि सरकार को सच्चाई सामने आने का डर है।”
टीडीपी नेताओं ने पहले ही रेड्डी और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को खुला न्योता देते हुए कहा था कि वे गौशाला का निरीक्षण करें और वास्तविक स्थिति का खुलासा करें।
वाईएसआरसीपी नेताओं ने यह भी दावा किया कि करुणाकर रेड्डी को नजरबंद किया गया है और गौशाला में प्रवेश से रोका गया।
हालांकि तिरुपति के पुलिस अधीक्षक और आईपीएस अधिकारी वी. हर्षवर्धन राजू ने इन आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी वाईएसआरसीपी नेता को नजरबंद नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा, “हमने केवल अनुरोध किया कि एक समय में एक ही प्रतिनिधि अंदर आए, ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे। किसी नेता के साथ अभद्रता नहीं हुई है। यही नियम सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर भी लागू हैं।”
राजू ने यह भी कहा, “विपक्षी नेताओं को पहले ही सूचना दे दी गई थी कि वे गौशाला जा सकते हैं। सुरक्षा व्यवस्था की गई है। किसी को भी नजरबंद नहीं किया गया है। सुबह से हम यही कह रहे हैं कि वे स्वतंत्र हैं जाने के लिए।”
टीडीपी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “अरे! सुबह 10 बजे से काफी समय हो गया और हमारे नेता अब भी आपके इंतजार में हैं। और नहीं, आपको नजरबंद नहीं किया गया है—ये बेतुका है। आपने मुद्दा तिरुमला गौशाला से बदलकर तिरुपति गौशाला कर दिया है।” उन्होंने दावा किया कि वे दोनों स्थान दिखाने को तैयार हैं, और कहा कि वाईएसआरसीपी अपने ही झूठ का सामना करने से कतरा रही है।
इससे पहले करुणाकर रेड्डी ने दावा किया था कि पिछले तीन महीनों में सौ से अधिक गायों की मौत हुई है और उन्होंने मंदिर ट्रस्ट की पशु देखभाल व्यवस्था पर स्वतंत्र जांच की मांग की।