महाकुंभ 2025: योगी सरकार के वीआईपी घाटों से नाराज शंकराचार्य, पूछा- कौन है यहां VIP?

By: Sandeep Gupta Fri, 10 Jan 2025 9:30:15

महाकुंभ 2025: योगी सरकार के वीआईपी घाटों से नाराज शंकराचार्य, पूछा- कौन है यहां VIP?

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस बीच, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए वीआईपी घाटों पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सवाल उठाया कि मां गंगा की गोद में आखिर कौन वीआईपी हो सकता है।

शंकराचार्य ने जताई नाराजगी

एक समाचार चैनल से बातचीत में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, "आपने वीआईपी घाट बना दिया। आज जब हम गए, तो हमें बताया गया कि यह वीआईपी घाट है। हमारी मां गंगा की गोद में कौन वीआईपी हो सकता है? क्या किसी मां के लिए उसका चपरासी बेटा और जज बेटा अलग हो सकते हैं? हमारे धर्म में वीआईपी घाट का कोई स्थान नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा, "उसी घाट पर हम नहाते हैं, जहां आम श्रद्धालु स्नान करते हैं। यह भेदभाव कहां से आया? कुंभ का उद्देश्य जाति और वर्ग से परे सभी को एकजुट करना है। यहां जाति पूछने का कोई स्थान नहीं है।"

महाकुंभ की तैयारियों पर विशेष ध्यान

महाकुंभ के लिए संगम तट पर करीब 12 किलोमीटर के क्षेत्रफल में स्नान घाटों का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे से पहले इन घाटों पर साफ-सफाई, लाइटिंग, और अन्य सुविधाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। महिलाओं के लिए विशेष चेंजिंग रूम बनाए गए हैं। महाकुंभ के उप मेला अधिकारी अभिनव पाठक ने बताया कि घाटों के निर्माण और सफाई कार्य तेज गति से चल रहा है। संगम क्षेत्र के प्रमुख घाटों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है।

प्रमुख घाट और उनकी विशेषताएं

दशाश्वमेध घाट (गंगा नदी):
110 मीटर लंबा और 95 मीटर चौड़ा।
सुविधाएं: सिटिंग प्लाजा, चेंजिंग केबिन, पार्किंग, यज्ञशाला, आरती स्थल, और मेडिटेशन सेंटर।

किला घाट (यमुना नदी):
संगम के पास स्थित।
60 मीटर लंबा और 70 मीटर चौड़ा।

सरस्वती घाट (यमुना नदी):
30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा।

मोरी घाट (यमुना नदी):
30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा।

काली घाट (गंगा नदी):
30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा।
अंत्येष्टि स्थल के पास।

छतनाग घाट:
गंगा के बाएं किनारे पर स्थित।
30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा।

महेवा घाट (यमुना नदी):
भैरव मंदिर के समीप।
30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा।

शाही स्नान और कुंभ का महत्व

महाकुंभ 2025 में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। प्रमुख शाही स्नान तिथियां इस प्रकार हैं:

14 जनवरी (मकर संक्रांति)
29 जनवरी (मौनी अमावस्या)
3 फरवरी (बसंत पंचमी)

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