जयपुर। भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव और संभावित आपात स्थिति के मद्देनज़र, राजस्थान सरकार ने राज्यभर में आपदा प्रबंधन की तैयारी तेज कर दी है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सभी डॉक्टरों, नर्सिंगकर्मियों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियों को आगामी आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। विभाग ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने मुख्यालय पर अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि यह निर्णय राज्य के सीमावर्ती और संवेदनशील क्षेत्रों में संभावित आपदा प्रबंधन की दृष्टि से एहतियाती कदम के रूप में लिया गया है। सभी जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) को निर्देशित किया गया है कि वे 24 घंटे नियंत्रण कक्ष सक्रिय रखें और चिकित्सीय व्यवस्थाओं की सतत निगरानी करें।
राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम सक्रिय
राज्य स्तर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय, जयपुर में कंट्रोल रूम (फोन: 0141-2225624) स्थापित कर दिया गया है। इस कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी डॉ. प्रवीण असवाल को सौंपी गई है, जो ग्रामीण स्वास्थ्य के अतिरिक्त निदेशक हैं। यहां आठ अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया गया है जो बीकानेर और जोधपुर संभाग के सभी सीएमएचओ के साथ समन्वय कर रहे हैं।
ये अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सीमावर्ती चिकित्सा संस्थानों में ब्लड, दवाएं, जांच सामग्री, ऑक्सीजन, एम्बुलेंस, ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू सहित सभी संसाधनों की आपूर्ति और संचालन सुचारु बना रहे।
सीमावर्ती 12 जिलों में विशेष अलर्ट
राज्य सरकार ने हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जालोर, सिरोही, पाली, बाड़मेर, बालोतरा, जोधपुर और फलौदी जैसे 12 सीमावर्ती जिलों को विशेष सतर्कता में रखा है। इन जिलों के CMHO को निर्देश दिए गए हैं कि:
• सभी डॉक्टरों और स्टाफ की छुट्टियाँ रद्द की जाएं।
• सभी चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक दवाओं, उपकरणों और जांच संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
• एम्बुलेंस को क्रियाशील रखा जाए और जीवन रक्षक दवाओं से लैस किया जाए।
• गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगियों की सूची तैयार की जाए और उनकी निगरानी की जाए।
निजी अस्पतालों और ब्लड बैंकों को भी किया गया तैयार
चिकित्सा संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि वे सरकारी और निजी दोनों प्रकार के ब्लड बैंकों से सभी रक्त समूहों का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करें। सभी ऑपरेशन थियेटर और उपकरणों की क्रियाशीलता की समीक्षा की जाए। इसके अलावा, निजी अस्पतालों और पैथोलॉजिकल लैब्स को चिन्हित कर आपात स्थिति में जांच और उपचार के लिए तत्पर रहने को कहा गया है।
आपातकालीन प्रशिक्षण शुरू
जिले स्तर पर पुलिस, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, एनसीसी और स्काउट सदस्यों को प्राथमिक उपचार और आपातकालीन प्रतिक्रिया (Emergency Response) का त्वरित प्रशिक्षण देने के निर्देश भी जारी किए गए हैं, ताकि किसी भी संकट की घड़ी में वे तत्काल सहायता दे सकें।
तैयारियों का दौर तेज, हर स्तर पर निगरानी
राजस्थान सरकार द्वारा उठाए गए यह कदम युद्ध जैसे हालात में जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं को सक्रिय और संगठित रखने के लिए विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में समय रहते प्रभावी और समुचित चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाई जा सके।