मद्रास हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए हिंदू मंदिरों में केवल भक्ति गीत बजाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मंदिर परिसर में फिल्मी गाने बजाने पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश दिया। यह फैसला पुडुचेरी के भक्त वेंकटेश सौरिराजन की याचिका पर आया, जिन्होंने मंदिर उत्सवों में फिल्मी गानों के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी।
न्यायमूर्ति डी. भरत चक्रवर्ती की अध्यक्षता में अदालत ने स्पष्ट किया कि मंदिर में आयोजित किसी भी धार्मिक उत्सव या कार्यक्रम में केवल भक्ति संगीत ही बजाया जाना चाहिए। अदालत ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस आदेश का सख्ती से पालन हो।
फिल्मी गानों के बजने पर जताई गई आपत्ति
यह मामला पुडुचेरी के वीझी वरदराज पेरुमल मंदिर से जुड़ा है, जहां भक्त ने शिकायत की थी कि मंदिर उत्सवों के दौरान ऑर्केस्ट्रा में फिल्मी गाने बजाए जाते हैं, जिससे धार्मिक भावनाएं प्रभावित होती हैं। अदालत ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए प्रशासन को निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसा न हो।
मंदिर में ट्रस्टी की अनुपस्थिति पर भी कोर्ट की सख्ती
याचिका में यह भी बताया गया कि मंदिर में लंबे समय से कोई ट्रस्टी नहीं है, जिससे प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। हाईकोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द ट्रस्टी नियुक्त करने का आदेश दिया, ताकि मंदिर का सुचारू संचालन सुनिश्चित हो सके।