बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार का एक और कार्यकाल के लिए समर्थन करेगी। इसके साथ ही उन्होंने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) किसी नए चेहरे को मुख्यमंत्री पद के लिए आगे कर सकता है।
नीतीश कुमार को मिला भाजपा का समर्थन
सम्राट चौधरी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के सक्रिय राजनीति में आने का फैसला पूरी तरह से उनका व्यक्तिगत और जद (यू) का आंतरिक मामला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर भाजपा का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
नीतीश कल भी थे, आज भी हैं और कल भी रहेंगे
राज्य में एनडीए के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी तेजस्वी यादव को लेकर सम्राट चौधरी ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बयान का हवाला देते हुए तेजस्वी को "मात्र प्रतिनिधि" बताया। जब उनसे पूछा गया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, तो उन्होंने कहा, "यह पूरी तरह स्पष्ट है कि राजग के नेता नीतीश कुमार ही हैं। वह 1996 से गठबंधन के नेता हैं और भाजपा ने हमेशा उनके नेतृत्व को सहजता से स्वीकार किया है। कल भी नीतीश थे, आज भी नीतीश हैं और कल भी नीतीश ही रहेंगे।"
निशांत का मामला जदयू का आंतरिक विषय
जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 47 वर्षीय पुत्र निशांत कुमार के राजनीति में प्रवेश को लेकर सवाल किया गया, तो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इसे पूरी तरह से जदयू का आंतरिक मामला बताया। उन्होंने कहा, "यह नीतीश जी का व्यक्तिगत निर्णय है और जनता दल (यूनाइटेड) का अंदरूनी विषय है। भाजपा, नीतीश कुमार जी के साथ गठबंधन में है और जदयू जो भी निर्णय लेगा, हम उसके साथ खड़े रहेंगे।"
तेजस्वी यादव सिर्फ लालू के प्रतिनिधि
विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से हुई तीखी बहस को लेकर पूछे जाने पर सम्राट चौधरी ने कहा, "तेजस्वी यादव सिर्फ लालू जी के प्रतिनिधि हैं। अगर लालू प्रसाद कह दें कि आज से तेज प्रताप उनके उत्तराधिकारी होंगे, तो कल से बिहार की जनता तेजस्वी को भूल जाएगी। अगर वह मीसा भारती को नेता घोषित कर दें, तो लोग उन्हें ही नेता मान लेंगे। पहले राबड़ी देवी बतौर प्रतिनिधि काम कर रही थीं, अब तेजस्वी कर रहे हैं। यह स्वाभाविक प्रक्रिया है।"