बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई, जो लगभग सवा घंटे तक चली। इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ राज्य से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। बैठक के बाद बीजेपी नेताओं ने मीडिया से बातचीत करने से परहेज किया, लेकिन सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री ने बीजेपी कोटे से शामिल मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की। इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया। साथ ही, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हालिया प्रगति यात्रा के दौरान की गई घोषणाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करने पर विशेष चर्चा हुई। बैठक में आगामी चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए बीजेपी नेताओं से सुझाव लिए गए।
विकास और सुशासन होंगे चुनावी एजेंडे का मुख्य आधार
सूत्रों की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए विकास और सुशासन को अपना मुख्य चुनावी एजेंडा बनाएगा। जनता के बीच विकास कार्यों की पहुंच और उनकी जानकारी सुनिश्चित करने की रणनीति पर विचार किया गया। बता दें कि एनडीए ने आगामी चुनाव में 225 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है, और इस लक्ष्य को पाने की दिशा में अब सत्ताधारी गठबंधन की सक्रियता बढ़ गई है।
बीजेपी और जेडीयू मिलकर बना रहे रणनीति
बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बीजेपी कोटे से मंत्री प्रेम कुमार, रेणु देवी, जनक राम समेत कई अन्य वरिष्ठ मंत्री मौजूद रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनावी रणनीति को धार देने में जुटे हैं। इससे पहले सोमवार (6 मई, 2025) को उन्होंने जेडीयू नेताओं के साथ भी एक महत्वपूर्ण बैठक की थी, जिसमें संगठनात्मक मजबूती और ग्राउंड लेवल कार्यकर्ताओं को टास्क सौंपे गए थे।
एनडीए बनाम महागठबंधन की टक्कर तय
मुख्यमंत्री की बीजेपी नेताओं के साथ यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब बिहार में महागठबंधन भी लगातार अपनी रणनीति मजबूत करने में लगा है। अब तक महागठबंधन की तीन बैठकें हो चुकी हैं। एनडीए में फिलहाल जेडीयू, बीजेपी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) चिराग पासवान गुट, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा जैसे दल शामिल हैं।