प्रदेश के खंडवा ज़िले से एक दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने निर्भया कांड की भयावह यादें ताज़ा कर दी हैं। जिले के आदिवासी बहुल खालवा थाना क्षेत्र की एक 45 वर्षीय महिला के साथ कथित रूप से गैंगरेप किया गया और फिर उसे बेहद वीभत्स हालत में छोड़ दिया गया। महिला की बच्चादानी (uterus) शरीर से बाहर पाई गई और प्राइवेट पार्ट से अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा था। आशंका जताई जा रही है कि उसके साथ बर्बरता की सभी हदें पार की गईं और उसके प्राइवेट अंग में सरिया या लकड़ी जैसी वस्तु डाली गई।
बेटी ने अर्धनग्न हालत में मां को पाया
जानकारी के अनुसार, पीड़िता की बेटी ने मां को घर के पास अर्धनग्न, लहूलुहान हालत में पाया और तुरंत पुलिस को सूचना दी। जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, महिला की मौत हो चुकी थी। घटना रोशनी चौकी क्षेत्र की है। पीड़िता दो बच्चों की माँ थी और गांव के ही हरि पालवी व सुनील धुर्वे नाम के दो व्यक्तियों पर इस हैवानियत का आरोप है। दोनों को हिरासत में ले लिया गया है। ग्रामीणों के अनुसार महिला को पहले हरि पालवी के घर में बेहोशी की हालत में देखा गया था। कुछ देर बाद जब वह थोड़ी होश में आई तो खुद के साथ दुष्कर्म की पुष्टि की, जिसके तुरंत बाद उसकी मौत हो गई।
पुलिस और फोरेंसिक टीम की कार्रवाई
लाइव हिंदुस्तान की खबर के अनुसार पुलिस ने मामला दर्ज कर शव को खालवा अस्पताल से जिला अस्पताल खंडवा भेजा। रविवार को मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक विशेषज्ञों की निगरानी में पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस अधिकारी प्रारंभिक जांच में इस घटना को अत्यंत गंभीर और बर्बर मानते हुए सभी सबूत जुटा रहे हैं।
जीतू पटवारी का सरकार पर हमला: 'आदिम युग के जंगलराज को भी पीछे छोड़ दिया'
मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शिवराज सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा: “खंडवा में एक महिला की गैंगरेप के बाद मौत हो गई है! बेहोशी की हालत में उसे तेज ब्लीडिंग हो रही थी! दरिंदों ने निजी अंग में सरिया या लकड़ी जैसा कुछ डाला, जिससे बच्चादानी ही बाहर निकल गई! बर्बर अत्याचार की इस हद ने 'आदिम युग के जंगलराज' को भी पीछे छोड़ दिया है!"
उन्होंने आगे लिखा: “महिला अपराध मध्य प्रदेश का नया नॉर्मल बन गया है। यह 'सरकारी-हत्या' है और क्या भाजपा इससे अपने दामन को बचा पाएगी? अब प्रधानमंत्री को भोपाल नहीं, खंडवा आना चाहिए और प्रदेश की महिलाओं को वहीं बुलाकर उनके सवालों का सामना करना चाहिए।”
सवालों के घेरे में कानून व्यवस्था
यह घटना एक बार फिर मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। क्या यह समय नहीं आ गया है कि राज्य सरकार न केवल दोषियों को कठोरतम सजा दे, बल्कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यवस्था में ठोस बदलाव लाए?