गुजरात में 7 साल की नाबालिग बच्ची से बलात्कार के मामले में कोर्ट ने दोषी को सख्त सजा सुनाई है। कोर्ट ने दरिदंगी करने वाले 22 वर्षीय लड़के को मरने तक जेल में रहना होगा। सूरत ग्रामीण कोर्ट के स्पेशल पोक्सो जज ने यह फैसला सुनाया। इसके अलावा कोर्ट ने पीड़ित बच्ची को सरकारी योजना के तहत 15 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। विशेष अभियोजन पक्ष के वकील ने कोर्ट के इस फैसले की जानकारी दी। मासूम बच्ची से बलात्कार की यह घटना दो साल पुरानी है।
अभियोजन पक्ष ने इस केस की डिटेल के आधार पर बताया कि, 18 मार्च 2019 को सूरत जिले के वराली गांव में पीड़ित बच्ची सड़क के किनारे रात 8 बजे अपनी मां का इंतजार कर रही थी। इस दौरान लड़की को अकेला पाकर अभियुक्त उसके पास आया और बहला फुसलाकर उसे मां से मिलाने के बहाने ले गया। इसके बाद बच्ची को सूनसान जगह ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस घटना के बाद जैसे-तैसे बच्ची जख्मी हालत में घर पहुंची। बच्ची की हालत देखकर मां-बाप घबराए गए और घायल अवस्था में उसे अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर्स को बच्ची का ऑपरेशन करना पड़ा।
काडोडरा जीआईडीएस पुलिस स्टेशन में इस वारदात को लेकर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश करना शुरू कर दी और ग्राम पंचायत क्षेत्र में लगे सीसीटीवी की फुटेज के आधार पर आरोपी की पहचान करक उसे गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में कोर्ट ने विभिन्न सबूतों को देखा जिसमें बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी मानते हुए उसे मरने तक आजीवन कारावास की सख्त सजा सुनाई।