कानपुर: गोरखपुर जू में बर्ड फ्लू की आशंका के बाद बीमार बब्बर शेर पटौदी को इलाज के लिए कानपुर जू लाया गया था। यहां इलाज के दौरान गुरुवार सुबह करीब साढ़े 8 बजे अचानक उसकी मौत हो गई। करीब एक हफ्ता पहले कानपुर जू पहुंचा पटौदी यहां आकर कुछ भी खा-पी नहीं रहा था। चिकित्सकों का कहना था कि अचानक गर्मी बढ़ने और जगह बदलने के कारण वन्यजीवों में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि, एहतियात के तौर पर पटौदी के कई सैंपल आईवीआरई बरेली परीक्षण के लिए भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट गुरुवार शाम तक आनी थी। मगर उससे पहले ही पटौदी की मौत हो गई। जू के प्रशासनिक अधिकारी नावेद इकराम ने इस बात की पुष्टि की है।
औसत आयु पूरी कर चुका था पटौदी :
वरिष्ठ डॉक्टर अनुराग सिंह ने बताया कि पटौदी अपनी औसत आयु 15 साल पूरी कर चुका था और बहुत कमजोर हो गया था। उसने 2 दिन पहले केवल एक किलो मांस खाया और थोड़ा सा पानी पीया था। उन्होंने कहा कि पटौदी के इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई।
प्रशासनिक अधिकारियों और चिकित्सकों के बीच तनाव :
पटौदी की मौत के बाद कानपुर जू में प्रशासनिक अधिकारियों और चिकित्सकों के बीच माहौल तनावपूर्ण हो गया है। वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि बिना उनकी सलाह के ही उच्च अधिकारियों ने पटौदी को कानपुर लाने की मंजूरी दे दी। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस संबंध में शासन से निर्देश मिले थे। पटौदी की मौत के बाद जू के अंदर प्रशासनिक अधिकारी और चिकित्सक दोनों चिंतित हैं।
19 मई तक जू रहेगा बंद :
जू के प्रशासनिक अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि बर्ड फ्लू की आशंका के चलते कानपुर जू को 19 मई तक बंद कर दिया गया है। जू के अंदर कीपर और कर्मचारी पीपीई किट और मास्क पहनकर वन्यजीवों को खाना दे रहे हैं और उनकी देखरेख कर रहे हैं।