अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के खास मौके पर, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) से साईनगर शिरडी जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 22223) को पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित किया गया। यह पहली बार है जब वंदे भारत एक्सप्रेस को एक पूरी महिला क्रू ने चलाया, जो भारतीय रेलवे में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम है।
महिला कर्मचारियों ने संभाली ट्रेन की जिम्मेदारी
इस ऐतिहासिक यात्रा में ट्रेन की कमान महिला लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट ने संभाली, जबकि ट्रेन मैनेजर, टिकट परीक्षक (TTE), और ऑन-बोर्ड कैटरिंग स्टाफ भी सभी महिलाएं थीं। भारतीय रेलवे का यह कदम यह सिद्ध करता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं और वे हर चुनौती का सामना कर सकती हैं। यह पहल न सिर्फ महिला कर्मचारियों को प्रेरित करेगी, बल्कि समाज में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देगी।
रेलवे अधिकारियों ने दी शुभकामनाएं
रेलवे अधिकारियों ने इस ऐतिहासिक अवसर पर गर्व महसूस किया और सभी महिला कर्मचारियों को हार्दिक बधाई दी। अधिकारियों ने कहा कि यह पहल भविष्य में और अधिक महिला कर्मचारियों को नेतृत्व की भूमिकाएं अपनाने के लिए प्रेरित करेगी और भारतीय रेलवे में महिलाओं की भागीदारी को और मजबूती प्रदान करेगी।
पहली बार वंदे भारत की पूरी कमान महिलाओं के हाथों में
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से तेज़ी से रफ्तार पकड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की पूरी कमान आज महिलाओं के हाथों में थी। ट्रेन नंबर 22223 साईं नगर शिरडी वंदे भारत एक्सप्रेस ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से यात्रा शुरू की, जिसमें सभी क्रू सदस्य महिलाएं थीं। इसमें लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर, टिकट परीक्षक और कैटरिंग स्टाफ सभी महिलाएं थीं, जो इस ऐतिहासिक सफर का हिस्सा बनीं।