पाकिस्तान सरकार आतंकवाद के खात्मे के बड़े-बड़े दावे कर रही थी, लेकिन बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इन दावों को गलत साबित कर दिया। मंगलवार को बीएलए के लड़ाकों ने बलोचिस्तान के बोलन क्षेत्र में एक ट्रेन को हाईजैक कर लिया। संगठन का दावा है कि ट्रेन में करीब 500 पाकिस्तानी नागरिक मौजूद थे, जिन्हें बंधक बना लिया गया है।
कैसे हुआ ट्रेन हाईजैक?
जफर एक्सप्रेस, जो क्वेटा से पेशावर तक चलती है, रोज की तरह मंगलवार को भी रवाना हुई थी। जैसे ही ट्रेन बोलन पहुंची, बीएलए के लड़ाकों ने ट्रैक पर ब्लास्ट कर दिया, जिससे ट्रेन को सुरंग के पास रुकना पड़ा। इसी मौके का फायदा उठाकर लड़ाकों ने ट्रेन को हाईजैक कर लिया।
बीएलए का दावा है कि इस कार्रवाई में उसने 11 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया। वहीं, पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रेन के ड्राइवर को भी गोली लगी है।
सेना के समर्थक नेता ने जताई थी आशंका
पाकिस्तानी सेना के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री फजलुर रहमान ने कुछ दिन पहले ही बलोचिस्तान में किसी बड़ी घटना की चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि बलोचिस्तान के लोग अब पाकिस्तानी सेना की बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं और वहां के लड़ाके सीधी कार्रवाई करेंगे। रहमान के मुताबिक, बलोचिस्तान की नाराजगी इस हद तक बढ़ चुकी है कि सरकार उसे संभाल नहीं पाएगी। उन्होंने यह भी दावा किया था कि जल्द ही बलोचिस्तान पाकिस्तान से अलग हो सकता है।
क्या यह खुफिया तंत्र की नाकामी है?
जफर एक्सप्रेस, जो बलोचिस्तान में नियमित रूप से चलने वाली पैसेंजर ट्रेन है, मंगलवार को हाईजैक कर ली गई। इस ट्रेन में पाकिस्तानी सेना के 140 जवान भी सवार थे। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों की मौजूदगी के बावजूद ट्रेन का इस तरह अपहरण होना, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों की भारी विफलता को दर्शाता है।
बलोचिस्तान लंबे समय से हिंसा और विद्रोह की आग में जल रहा है। पाकिस्तान सरकार भी वहां की स्थिति को लेकर चिंतित रही है। लेकिन इतनी संवेदनशील स्थिति में सेना के जवानों को एक पैसेंजर ट्रेन में सफर करवाना और फिर उसका हाईजैक हो जाना, सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र की बड़ी नाकामी को उजागर करता है।