राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार 3 मई को अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया है। आमतौर पर हर साल उनका जन्मदिन बड़े हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार उन्होंने एक गंभीर और संवेदनशील कारण के चलते इसे न मनाने का निर्णय लिया है। कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए कायराना आतंकी हमले से व्यथित होकर गहलोत ने अपने जन्मदिन का उत्सव रद्द कर दिया है। उन्होंने इस निर्णय की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक की है।
कश्मीर में हुए आतंकी हमले से गहराई से दुखी हैं गहलोत
सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए गहलोत ने कहा कि इस नृशंस आतंकी घटना ने उन्हें गहरे दुख में डाल दिया है। उन्होंने बताया कि हमले में एक निर्दोष पर्यटक की जान चली गई, जिससे वे बेहद आहत हैं। उन्होंने लिखा कि यह हमला न केवल एक परिवार की खुशियों को छीन ले गया, बल्कि पूरे देश को झकझोर देने वाला है। जो लोग पहलगाम जैसे शांत स्थल पर अपने परिवार के साथ कुछ सुकून के पल बिताने गए थे, उनके लिए यह यात्रा एक आजीवन पीड़ा में बदल गई। गहलोत ने यह भी कहा कि जब वह उन परिवारों की मानसिक स्थिति के बारे में सोचते हैं, जिनके अपनों को उनकी आंखों के सामने मार दिया गया, तो उनका मन व्याकुल हो उठता है।
पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले ने हम सभी को अंदर तक व्यथित कर दिया है। परिवार के साथ सुखद समय बिताने के उद्देश्य से गए लोगों के लिए यह यात्रा एक जीवन भर का दुख दे गई। अभी तक उन परिवारों की मनोस्थिति सोचकर मन सिहर उठता है जिनके परिजनों को उनके सामने मार दिया गया।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 29, 2025
ऐसे समय में…
जन्मदिन पर नहीं होगा कोई आयोजन, सेवा कार्यों की अपील
गहलोत ने आगे कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया है कि इस वर्ष 3 मई को अपने जन्मदिन पर किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत या सार्वजनिक उत्सव नहीं मनाया जाएगा। उन्होंने अपने सभी समर्थकों, प्रशंसकों और कार्यकर्ताओं से भी अपील की है कि यदि उन्होंने इस दिन किसी कार्यक्रम की योजना बनाई हो, तो उसे केवल रक्तदान शिविर या अन्य समाजसेवा कार्यों तक सीमित रखें। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दिन किसी भी तरह का उत्सव या जश्न न किया जाए। उनका यह फैसला उन सभी दिवंगत आत्माओं को समर्पित है जो इस दुखद घटना में मारे गए हैं, और उनके परिवारों के प्रति एकजुटता और संवेदना प्रकट करने का प्रतीक है।