इस्लामाबाद। भारत द्वारा किए गए सटीक हमलों की श्रृंखला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान को एक बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान वायुसेना के एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी ने यह स्वीकार किया है कि भारत की मिसाइल स्ट्राइक के दौरान पाकिस्तान ने एक महत्वपूर्ण निगरानी विमान, AWACS (एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम), खो दिया।
पूर्व एयर मार्शल मसूद अख्तर ने एक साक्षात्कार में बताया कि 9-10 मई की रात को भारत द्वारा किए गए हमले में यह विमान कराची के पास स्थित भोलारी एयरबेस पर नष्ट हुआ। उन्होंने कहा, “भारतीय सेना ने एक के बाद एक चार ब्रह्मोस मिसाइलें दागीं... सतह से सतह या हवा से सतह, मुझे ठीक से याद नहीं... हमारे पायलट विमानों को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन चौथी मिसाइल सीधे उस हैंगर से टकराई जहां AWACS खड़ा था। विमान को नुकसान हुआ और कुछ जानें भी गईं।”
यह खुलासा पाकिस्तान की सैन्य प्रतिष्ठान के लिए शर्मनाक है, जो अब तक दावा करता रहा है कि भारतीय हमलों से कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ। लेकिन अमेरिकी सैटेलाइट कंपनी मैक्सर टेक्नोलॉजीज द्वारा जारी हाई-रिज़ोल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों ने इस दावे की पोल खोल दी है। तस्वीरों में भोलारी एयरबेस पर मिसाइल हमले से हुई भारी क्षति साफ दिखाई दे रही है।
भोलारी उन 11 सैन्य ठिकानों में से एक था, जिन्हें भारत ने जवाबी कार्रवाई के तहत निशाना बनाया था। यह हमले 7 मई को शुरू हुए थे, जब भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। इन हमलों का उद्देश्य पाकिस्तान में गहराई तक छिपे आतंकी अड्डों को खत्म करना था।
पाकिस्तानी वायुसेना के लिए AWACS विमान बेहद अहम हैं। ये विमान हवाई निगरानी, दुश्मन की गतिविधियों का पहले से पता लगाने, और लड़ाकू विमानों के संचालन का समन्वय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस तरह के विमान की क्षति से पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा क्षमताएं गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं, खासकर भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच।
BREAKING- Ex PAF chief admits that Pak has lost a PAF Awacs in Bholari strike
— Frontalforce 🇮🇳 (@FrontalForce) May 15, 2025
Biggest prized asset of PAF taken down in Op Sindoorpic.twitter.com/hTgV19F6aa
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को जवाबी कार्रवाई की कोशिश की, लेकिन भारतीय सशस्त्र बलों की रणनीतिक और तीव्र प्रतिक्रिया ने उसे पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। चार दिन तक चले इस टकराव में ड्रोन और मिसाइल हमलों से पाकिस्तान की सैन्य संरचनाओं को भारी नुकसान हुआ। अंततः इस्लामाबाद ने संघर्षविराम की मांग की, और दोनों देशों के सैन्य संचालन निदेशकों (DGMOs) के बीच बातचीत के बाद तनाव में अस्थायी विराम आया।