राजस्थान में 10वीं और 12वीं बोर्ड में फेल होने के बावजूद स्टूडेंट्स का पूरा साल खराब नहीं होगा। फेल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए शिक्षा विभाग ‘ऑन डिमांड एग्जाम कॉन्सेप्ट’ लागू करने जा रहा है। इस कॉन्सेप्ट के तहत बोर्ड परीक्षाओं में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को कुछ ही दिनों में फिर से एग्जाम देने का मौका मिलेगा। इसका रिजल्ट भी तुरंत जारी होगा। जिसमें पास होने पर उसी साल अगली क्लास में एडमिशन ले पाएंगे।
CM स्तर पर मंजूरी, स्टेट ओपन स्कूल कर रहा गाइडलाइन की तैयारी
दरअसल, बोर्ड एग्जाम में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को फिर से मौका देने के लिए मुख्यमंत्री स्तर पर मंजूरी मिल गई है। शिक्षा विभाग ने एक जुलाई से 'ऑन डिमांड एग्जाम' शुरू करने का ऐलान कर दिया है।
इसके लिए राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल पूरी गाइडलाइन तैयार कर रहा है। माना जा रहा है कि अगले एक सप्ताह में गाइडलाइन पूरी तरह तैयार हो जाएगी।
फेल होने वाले स्टूडेंट के फिर से एग्जाम लिए जाएंगे। राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल और अन्य मान्यता प्राप्त 75 बोर्ड के फेल हुए छात्र इन परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे।
कम से कम 10 स्टूडेंट होना जरूरी
‘ऑन डिमांड एग्जाम’ कॉन्सेप्ट केवल बोर्ड (10वीं और 12वीं) एग्जाम में फेल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए है। देशभर के 75 बोर्ड के स्टूडेंट इसमें शामिल हो सकते हैं। लेकिन शर्त है कि स्टेट ओपन बोर्ड यह एग्जाम तभी आयोजित करवाएगा जब एक सब्जेक्ट के कम से कम 10 स्टूडेंट होंगे।
केवल 3 शहरों में बनाए जाएंगे परीक्षा केंद्र
राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल की सचिव डॉ. अरूणा शर्मा ने बताया कि इन परीक्षाओं के केन्द्र प्रदेश के 3 शहरों में बनाए जाएंगे। इनमें राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल जयपुर, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर शामिल है।
तीनों सेंटर पर एक दिन में एक सब्जेक्ट के अधिकतम 50 छात्र परीक्षा दे सकेंगे। मान लीजिए 10वीं विज्ञान में फिर से एग्जाम के लिए 100 बच्चों ने आवेदन किया है। ऐसे में बोर्ड एक दिन में 50 बच्चों की परीक्षा करवाएगा। शेष की परीक्षा अगले दिन होगी। आवेदन के बाद परीक्षा का शेड्यूल जारी होगा।
ट्रांसफर ऑफ क्रेडिट की पॉलिसी भी होगी लागू
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान और मान्यता प्राप्त 75 बोर्ड के फेल छात्र राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल में प्रवेश लेकर उत्तीर्ण विषयों में से अधिकतम दो विषयों के प्राप्तांकों का क्रेडिट स्थानांतरण भी करा सकते हैं।
सचिव के अनुसार हर विषय के लिए एक हजार प्रश्नों का बैंक बनाया जाएगा। परीक्षा शुरू होने पहले प्रश्न पत्र तैयार होगा। परीक्षा होने के बाद स्टूडेंट को पेपर और कॉपी घर लेकर नहीं जाने दी जाएंगी। राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल इन परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए स्टूडेंट से शुल्क भी लेगा।
हालांकि्, अभी एग्जाम फीस तय नहीं हुई है। लेकिन माना जा रहा है कि हर स्टूडेंट को रजिस्ट्रेशन शुल्क 600 रुपए प्रति विषय, प्रायोगिक परीक्षा शुल्क 200 रुपए प्रति विषय, टीओसी (ट्रांसफर ऑफ क्रेडिट) शुल्क 100 रुपए प्रति विषय और अतिरिक्त विषय शुल्क 600 रुपए प्रति विषय देनी होगी। हालांकि अभी फीस अप्रूव होना शेष है।