सीआरपीएफ जवान मुनीर अहमद को पाकिस्तान की महिला से शादी करने की बात छिपाने के आरोप में बर्खास्त किया गया था, जिसके बाद मुनीर ने अपनी सफाई दी है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने विभाग को अपनी शादी के बारे में सूचित किया था और सभी आवश्यक दस्तावेज भी प्रस्तुत किए थे। नौकरी से बर्खास्त किए जाने के खिलाफ मुनीर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से न्याय की गुहार लगाई है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह कोर्ट का रुख करेंगे।
ANI की खबर के अनुसार मुनीर अहमद से जब पूछा गया कि अब उनके पास क्या विकल्प हैं, तो बर्खास्त जवान ने कहा, "बिलकुल, मैं हाई कोर्ट से अपील करूंगा और न्याय की मांग करूंगा। हमने वकील से भी संपर्क किया है। मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से भी अपील करता हूं कि मुझे न्याय दिलाया जाए।"
शादी के लिए विभाग से अनुमति ली थी: मुनीर
मुनीर अहमद ने एएनआई से बातचीत करते हुए बताया कि 2022 में उन्होंने विभाग से शादी करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन इसमें देरी हो गई। इसके बाद, 24 मई 2024 को उन्होंने पाकिस्तान की मीनल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शादी की थी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को शादी की जानकारी दी थी और सभी जरूरी दस्तावेज़ भी दिए थे, जिनमें शादी का कार्ड, शादी की जगह और पत्नी के वीज़ा से संबंधित जानकारी शामिल थी।
बर्खास्त जवान ने पीएम मोदी से की अपील
मुनीर अहमद ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से अपील करता हूं कि मेरे साथ न्याय होना चाहिए। जो मेरे साथ किया जा रहा है, मेरे पास इसका प्रमाण है। मैंने विभाग को भी सूचना दी थी। अचानक इस तरह से मेरे साथ बर्ताव किया जा रहा है, जो गलत है। हम बहुत परेशान हैं, और इस मुद्दे पर हम प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के पास मदद की अपील करने जा रहे हैं।"
3 मई को CRPF ने मुनीर अहमद को बर्खास्त किया
3 मई 2025 को सीआरपीएफ ने मुनीर अहमद को बर्खास्त कर दिया था। सीआरपीएफ का कहना था कि मुनीर ने पाकिस्तानी महिला से शादी की बात छिपाई और अवैध रूप से उसे भारत में बिना वीज़ा के रखा, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ था। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के आदेश दिए गए थे। मीनल को 30 अप्रैल को अटारी बॉर्डर ले जाया गया था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद उसे पाकिस्तान वापस नहीं भेजा गया।