नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की ओर से बड़े स्तर पर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया गया है। अब इस चुनाव की तारीख भी जारी होने जा रही है। चुनाव की तारीख का ऐलान आज मंगलवार को किया जाएगा। चुनाव आयोग की ओर से मंगलवार को दोपहर 2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। आयोग की ओर से दिल्ली विधानसभा के आम चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जाएगी। चुनाव आयोग की ओर से विज्ञान भवन में केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव के शेड्यूल की घोषणा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है।
भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) मंगलवार दोपहर 2 बजे आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा करने वाला है, जिससे मौजूदा आप, भाजपा और कांग्रेस के बीच चुनावी जंग की संभावना बन गई है। फरवरी के दूसरे सप्ताह में एक ही चरण में 70 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव होने की संभावना है।
संभावना जताई जा रही है कि चुनाव आयोग की ओर से दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर फरवरी के दूसरे सप्ताह में मतदान की तारीख तय हो सकती है। बता दें कि केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं। माना जा रहा है कि चुनाव को एक ही चरण में संपन्न करवाया जा सकता है।
दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 15 फरवरी 2025 को समाप्त होने वाला है। बीते विधानसभा चुनाव की बात करें तो साल 2020 में भी दिल्ली में फरवरी महीने में ही विधानसभा चुनाव हुआ था। इस विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में कुल 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 मतदाता वोटिंग के लिए पात्र हैं। इनमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 84 लाख 49 हजार 645 है। वहीं, महिला मतदाताओं की संख्या 71 लाख 73 हजार 952 है।
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप लगातार तीसरी बार सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस भी एक मजबूत मुकाबले की तैयारी कर रही है, उम्मीद है कि वह आश्चर्यजनक विजेता बनकर उभरेगी।
विधानसभा चुनाव को सभी खेमों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले साल सितंबर में शराब नीति मामले में जमानत मिलने के बाद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आप ने घोषणा की थी कि दिल्ली की जनता उन पर भरोसा जताने के बाद वह सत्ता में वापस आएंगे। इस बीच, भाजपा आप को सत्ता से बेदखल करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है और पार्टी पर हर स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है।
आप ने 2015 और 2020 के चुनावों में क्रमश: 67 और 62 सीटों के साथ जीत दर्ज की थी और भाजपा उन चुनावों में सिंगल डिजिट पर रह गई थी। इस बीच, 15 साल तक दिल्ली पर राज करने वाली कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला। हालांकि, विपक्षी दलों का मानना है कि तब से राजनीतिक गतिशीलता उनके पक्ष में बदल गई है, जबकि आप को उम्मीद है कि विपक्ष के आरोपों के बावजूद उनकी कल्याणकारी योजनाओं को जनता का समर्थन मिलेगा।
कांग्रेस और आप ने 2024 का लोकसभा चुनाव इंडिया ब्लॉक के बैनर तले मिलकर लड़ा था, लेकिन विधानसभा चुनाव वे अलग-अलग लड़ेंगे। शासन, विकास, भ्रष्टाचार और सार्वजनिक सेवाओं जैसे प्रमुख मुद्दे अभियान के दौरान हावी रहने की उम्मीद है।
आप अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढांचे के विकास में अपनी उपलब्धियों को उजागर कर सकती है। दूसरी ओर, भाजपा राष्ट्रीय मुद्दों और दिल्ली के भविष्य के लिए अपने दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करेगी, साथ ही आप द्वारा कथित भ्रष्टाचार और खाली पदों को भी उजागर करेगी। कांग्रेस भी खुद को एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में पेश करने का लक्ष्य रखेगी।
तीनों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की शुरुआती सूची घोषित कर दी है। केजरीवाल का मुकाबला नई दिल्ली सीट पर पूर्व भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह और दिवंगत मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे पूर्व कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित से है। मुख्यमंत्री आतिशी का मुकाबला कांग्रेस की अलका लांबा और दक्षिण दिल्ली के पूर्व भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी से कालकाजी सीट पर होगा।