आंध्र प्रदेश पुलिस ने एक शातिर चोर को गिरफ्तार किया है, जिसने बीते तीन सालों में 100 से अधिक बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम दिया। केआर पुरम पुलिस के अनुसार, आरोपी हर शाम बस से बेंगलुरु आता था और फिर केआर पुरम, टिन फैक्ट्री, महादेवपुरा जैसे रिहायशी इलाकों में घूमता था। मौका मिलते ही वह घरों के सामने खड़ी बाइकों का हैंडल लॉक तोड़कर चोरी कर लेता था और आंध्र प्रदेश लौट जाता था।
पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी बेंगलुरु, तिरुपति, चित्तूर समेत कई शहरों में बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। खासकर, वह महंगी बाइकों को निशाना बनाता था और फिर उन्हें आंध्र प्रदेश में 15 से 20 हजार रुपये में बेच देता था। चोरी से मिले पैसों का इस्तेमाल वह ऐशो-आराम में करता था।
केआर पुरम थाना क्षेत्र में ही उसने 25 बाइक चुराई थीं। पुलिस ने आरोपी के ठिकानों से 100 से अधिक चोरी की गई बाइक बरामद की हैं, जिनमें 20 रॉयल एनफील्ड, 30 पल्सर, 40 एक्सिस और अन्य वाहन शामिल हैं।
जब्त किए गए वाहनों की कीमत और पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि जब्त किए गए वाहनों की कुल कीमत लगभग 1.45 करोड़ रुपये आंकी गई है। आरोपी के खिलाफ केआर पुरम थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस को लंबे समय से इलाके में लगातार बाइक चोरी की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद उन्होंने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की। कई दिनों की निगरानी और जांच के बाद आखिरकार इस शातिर चोर को पकड़ लिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि वह अपने महंगे शौक पूरे करने के लिए चोरी करता था। उसने खुलासा किया कि वह नकली ताले का इस्तेमाल करके मोटरसाइकिल चोरी करता था, जिससे वह आसानी से बाइकों का लॉक तोड़ सकता था।
यूट्यूब से सीखा बाइक चोरी करना
यह पहला मामला नहीं है जब किसी ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से चोरी करने का तरीका सीखा हो। इससे पहले भी आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में एक युवक ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर बाइक चोरी करने की तकनीक सीखी थी। आरोपी की पहचान वेणकटेश्वरुलु के रूप में हुई थी, जिसने यूट्यूब पर यह सीखा कि अगर बाइक की चाबी खो जाए तो उसे कैसे चालू किया जा सकता है। बाद में, उसने इस जानकारी का दुरुपयोग करते हुए शहर में बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया। चोरी की गई बाइकों को वह OLX जैसे प्लेटफॉर्म पर बेच देता था और कमीशन के जरिए पैसे कमाता था। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है कि कहीं आरोपी का कोई बड़ा गिरोह तो सक्रिय नहीं है।