बिहार में जारी है वायरल बुखार का कहर, तीन दिनों में इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे 2628 बच्चे

By: Pinki Thu, 16 Sept 2021 09:06:33

बिहार में जारी है वायरल बुखार का कहर, तीन दिनों में इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे 2628 बच्चे

कोरोना और डेंगू से परेशान बिहार में वायरल फीवर कहर बनकर टूटा है। राज्य के सरकारी अस्पतालों में सोमवार को 528 बच्चे, मंगलवार को 830 और बुधवार को 1270 वायरल बुखार से पीड़ित बच्चे आउटडोर में इलाज के लिए पहुंचे। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य के सभी प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की गहन चिकित्सा की जा रही है। बच्चों के इलाज को लेकर डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को पहले ही अलर्ट किया जा चुका है।

कोरोना में कमी आने के साथ ही राज्य में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ रही है। सबसे पहले यूपी के पड़ोसी जिले गोपालगंज, सीवान और सारण में बच्चों के वायरल बुखार से पीड़ित होने की सूचना मिली। डेंगू की आशंका को लेकर गोपालगंज से लिये गये 56 सैंपलों की जांच करायी गयी, जिनमें 9 पॉजिटिव पाये गये। इसी तरह से सारण जिले के 38 सैंपलों की जांच की गयी, जिनमें 1 पॉजिटिव पाया गया, जबकि सीवान जिले से लिये गये 38 सैंपलों की जांच करायी गयी, जिनमें किसी भी बच्चे में डेंगू पॉजिटिव नहीं पाया गया। पिछले शनिवार को राज्य में 395 बच्चे वायरल बुखार की शिकायत लेकर आये, जिनमें 295 को डिस्चार्ज कर दिया गया और 87 बच्चों को भर्ती कराना पड़ा।

अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे बच्चों की जांच में एक भी कोरोना, चिकनगुनिया, मलेरिया, टायफाइड इत्यादि से ग्रसित नहीं पाया गया। पिछले 24 घंटे में एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई। गौरतलब है कि बुधवार को 1270 वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों में से 78 बच्चों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती किया गया। मंगलवार को वायरल बुखार से पीड़ित 830 बच्चों में से 113 बच्चों को भर्ती किया गया। जबकि सोमवार को 528 बच्चों को 100 को अस्पताल में भर्ती किया गया था। वहीं, राज्य में वायरल बुखार से पीड़ित 111 बच्चे स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए।

बिहार के सरकारी अस्पतालों में इस महीने अबतक कम से कम 6,800 वायरल बुखार के मामले आ चुके हैं। जबकि 14 बच्चों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार सिंह ने कहा कि ये आंकड़े जिला और उपमंडल अस्पतालों सहित विभिन्न सरकारी अस्पतालों से उपलब्ध कराए गए हैं। राज्य के निजी अस्पताल भी वायरल बुखार से पीड़ित कई बच्चों का इलाज कर रहे हैं। ज्यादातर बच्चे ओपीडी में जांच के बाद घर लौट जाते हैं। उन्हें दवाएं दे दी जाती है। कुछ बच्चे उचित दवा लेने के बाद पांच से छह दिनों में ठीक हो जाते हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती। वायरल बुखार की शिकायत के साथ सरकारी अस्पताल आने वाले किसी भी बच्चे में अबतक कोविड पॉजिटिव के लक्षण नहीं पाए गए।

संजय कुमार सिंह की मानें तो, 'बाढ़ के पानी में कमी के साथ बच्चों में वायरल बुखार के मामले बढ़ जाते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह मौसम का उमस से भरा होना है। ऐसा हर साल होता है। इसलिए, माता-पिता को घबराना नहीं चाहिए।'

उधर, डॉक्टरों का कहना है कि हर साल सितंबर में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या में वृद्धि होती है। इस साल वायरल बुखार एक सप्ताह पहले इसका प्रकोप बढ़ गया है। उनका कहना है कि बीमार बच्चे सामान्य इलाज से ही स्वस्थ हो रहे हैं।

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