अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन भी चुनाव हार गए हैं। शकूर बस्ती सीट से उन्हें बीजेपी के करनैल सिंह ने हराया। खास बात यह है कि केजरीवाल, सिसोदिया और जैन, तीनों ही नेताओं को पहले जेल जाना पड़ा था, और अब दिल्ली की जनता ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
बीजेपी के मनजिंदर सिंह सिरसा और रेखा गुप्ता ने राजौरी गार्डन और शालीमार विधानसभा क्षेत्रों से जीत हासिल की। वहीं, दिल्ली कैंट विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के वीरेंद्र सिंह कादियान ने बीजेपी के तंवर को 2029 वोटों से हराया। सिरसा ने राजौरी गार्डन से आम आदमी पार्टी की धनवती चंदेला को 18190 वोटों से हराया, जबकि रेखा गुप्ता ने शालीमार से आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी को 29595 वोटों से मात दी।
दिल्ली में बीजेपी की सरकार
रुझानों के अनुसार, यह अब लगभग स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने जा रही है। दिल्ली में 5 फरवरी को हुए चुनाव में 1.55 करोड़ पात्र मतदाताओं में से 60.54 प्रतिशत ने मतदान किया था। बीजेपी ने 1993 में दिल्ली में सरकार बनाई थी और उस चुनाव में उसे 49 सीटों पर जीत मिली थी।
पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने 62 सीटें जीती थीं। अन्ना आंदोलन से उभरे नेता अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 2015 में 67 सीटों के साथ सरकार बनाई और 2020 में 62 सीटों के साथ सत्ता में शानदार वापसी की। इससे पहले, 2013 में अपने पहले चुनाव में आप ने 31 सीटें जीती थीं, लेकिन वह सत्ता से दूर रह गई थीं। बाद में कांग्रेस के समर्थन से केजरीवाल ने पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
पिछली बार बीजेपी ने जीती थी 8 सीटें
इस बार सत्ता की ओर अग्रसर बीजेपी ने 2015 के चुनाव में केवल तीन सीटों पर सिमटने के बाद 2020 के चुनाव में अपनी सीटों की संख्या बढ़ाकर आठ कर ली थी। केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी ने वैकल्पिक और ईमानदार राजनीति के साथ भ्रष्टाचार पर प्रहार करने का दावा किया था, लेकिन इस चुनाव से पहले उन्हें कई आरोपों का सामना करना पड़ा और उनके कई नेताओं को जेल भी जाना पड़ा।
बीजेपी ने शराब और शीशमहल का मुद्दा उठाया
बीजेपी ने शराब घोटाले और 'शीशमहल' जैसे आरोपों को लेकर केजरीवाल और आप के कथित भ्रष्टाचार को चुनाव का मुख्य मुद्दा बनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन आरोपों पर लगातार हमले किए। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद दिल्ली में बीजेपी की जीत कई मायनों में अहम साबित हो रही है।
आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल दिल्ली को 'केजरीवाल मॉडल' के तहत विकास के रूप में पेश कर रहे थे, जबकि बीजेपी ने इसके विरोध में 'मोदी मॉडल' को पेश किया। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में मुफ्त बिजली, पानी और आप सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने का वादा किया, साथ ही महिलाओं को 2500 रुपये का मासिक भत्ता और 10 लाख रुपये तक का 'मुफ्त' इलाज जैसी अन्य सुविधाओं का भी प्रस्ताव रखा।