अमरावती। आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में पुलिस ने क्रिकेट सट्टेबाजी रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने छापेमारी कर गिरोह के 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से सात लैपटॉप, 42 मोबाइल फोन और कई सट्टेबाजी रिकॉर्ड बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि इस रैकेट के तार कर्नाटक और दुबई से जुड़े हुए हैं।
उत्तरा मंडल के डीएसपी वाई। श्रीकांत ने बताया कि राजनगरम मंडल में गेट कॉलेज के पास स्थिक एक बस्ती में क्रिकेट सट्टेबाजी होने की सूचना मिली थी। सूचना मिलने के बाद सीआई वीरैया गौड़ और एसआई नागार्जुन ने उक्त स्थान पर छापेमारी की। इस दौरान 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया और सात लैपटॉप, 42 मोबाइल फोन और कई सट्टेबाजी रिकॉर्ड बरामद हुए।
दुबई से मैनेज होता था क्रिकेट सट्टेबाजी का रैकेट
डीएसपी वाई श्रीकांत ने बताया कि इस रैकेट को भीमावरम मंडल अंतर्गत आने वाले बालुसुमुडी गांव निवासी दांडू वेंकटवर्मा उर्फ संतोष और भरत कुमार निवासी रायचूर (कर्नाटक ) द्वारा चलाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि कर्नाटक के 10 अन्य लोग अनुबंधित सट्टेबाज के रूप में काम कर रहे थे, जो हर महीने 18,000 रुपये कमा रहे थे। उनका नेटवर्क ऑनलाइन संचालित होता था और दुबई से मैनेज होता था।
रैकेट का मुख्य सरगना दांडू वेंकटवर्मा उर्फ संतोष पहले मछली पालन करता था। इसी बीच उसे मछली पालन में भारी घाटा हुआ, जिससे दांडू वेंकटवर्मा उर्फ संतोष ने ऑनलाइन सट्टेबाजी कॉल सेंटर चलाने के लिए रायचूर निवासी भरत के साथ हाथ मिलाया। वहीं, भीमावरम निवासी जे। विनीत भी दुबई में इस रैकेट से जुड़ गया और सट्टेबाजी वेबसाइटों के साथ उनके नेटवर्क का विस्तार करने में उनकी मदद की।
एक वेबसाइट पर 11,000 से ज्यादा ग्राहक
डीएसपी श्रीकांत ने बताया कि रैकेट क्रिकेट सट्टेबाजी से जुड़े 500 गेमिंग ऐप को नियंत्रित करता था। सिर्फ एक वेबसाइट पर ही 11000 से ज्यादा ग्राहक थे। उन्होंने कहा कि उनके बैंक खाते सीज करने और उनकी वेबसाइट बंद करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, जे। विनीत, वर्तमान में दुबई में हैं। उसके खिलाफ हैदराबाद में पहले से ही दो आपराधिक मामले दर्ज हैं।