महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी के मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ वाले बयान से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। महाराष्ट्र के डिप्टी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे देशद्रोह करार देते हुए बयान की निंदा की और इसे "पाप" बताया। वहीं, अयोध्या तपस्वी छावनी के महंत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने अबू आजमी के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे अस्वीकार्य बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने अबू आजमी की जीभ काटने तक का फरमान जारी कर दिया है। उन्होंने अबू आजमी की जीभ काटने पर ईनाम भी घोषित कर दिया है। अयोध्या तपस्वी छावनी के महंत जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज जी ने महाराष्ट्र सपा नेता अबू आजमी के मुगल सम्राट औरंगजेब के महिमामंडन को लेकर नाराजगी जताई है। अबू आजमी की जीभ काटने का फरमान जारी कर ऐसा करने वाले शख्स पर ईनाम देने की बात भी कही है। जगद्गुरु परमहंस आचार्य जी महाराज ने कहा, 'जो व्यक्ति अबू आजमी की जीभ काट कर लायेगा उसे 25 करोड़ रुपए का हम ईनाम देंगे। साथ ही उसके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो उसको फांसी तक पहुंचाया जाए, अगर ऐसा नहीं होगा तो हम साधु संत अयोध्या से महाराष्ट्र के लिए कूच करेंगे।'
अयोध्या तपस्वी छावनी के महंत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से अबू आजमी के बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा, "अगर अखिलेश यादव इस बयान से सहमत नहीं हैं, तो उन्हें अबू आजमी को पार्टी से निकालना चाहिए। आखिर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी किस कारण से औरंगजेब को नायक बता रहे हैं? क्या इसलिए कि उसने अपने तीन भाइयों की हत्या कर दी थी, अपने पिता को कैद कर दिया था या फिर छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक यातनाएं देकर मारा था? समाजवादी पार्टी को इस पर जवाब देना चाहिए।"
नवनीत राणा ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की
इस विवाद में अमरावती की पूर्व सांसद और बीजेपी नेता नवनीत राणा ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अबू आजमी के बयान की आलोचना करते हुए महाराष्ट्र सरकार से औरंगजेब की कब्र हटाने की अपील की। उन्होंने कहा, "हमने इतिहास पढ़ा है, लेकिन जिन्होंने इसे नहीं पढ़ा, उन्हें थिएटर में 'छावा' फिल्म देखकर यह समझना चाहिए कि औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज के साथ क्या किया था। जिस तरह औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी महाराज के नाम पर रखा गया, उसी तरह जल्द से जल्द औरंगजेब की कब्र को वहां से हटाया जाए। अगर किसी को वह कब्र इतनी प्रिय है, तो वे उसे अपने घर में सजा सकते हैं।"
पहले दिया विवादित बयान, फिर चौतरफा दबाव में मांगी माफी
महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी ने सोमवार (3 मार्च) को मुगल शासक औरंगजेब को महान बताकर एक विवादित बयान दिया, जिसके बाद देशभर में राजनीतिक बवाल मच गया। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने उनके बयान को "देशद्रोही" करार देते हुए माफी की मांग की।
हालांकि, शुरुआती प्रतिक्रिया में अबू आजमी ने अपने बयान पर अड़े रहने की बात कही और किसी भी तरह की माफी से इनकार कर दिया। लेकिन जब महाराष्ट्र में उनके खिलाफ दो अलग-अलग जगहों पर एफआईआर दर्ज हुई और राजनीतिक व सामाजिक स्तर पर चौतरफा विरोध बढ़ा, तो मंगलवार (4 मार्च) को उन्होंने अपने बयान से पीछे हटते हुए सार्वजनिक रूप से खेद प्रकट किया। उन्होंने कहा, "अगर मेरे बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं और खेद व्यक्त करता हूं।"