
आज के समय में लोग अपनी सेहत को लेकर ज्यादा जागरूक तो हो रहे हैं, लेकिन अधिकांश पुरुष अभी भी नियमित चेकअप या जरूरी हेल्थ टेस्ट (Important Health Tests for Men) करवाने से बचते हैं। आम धारणा है कि जब तक कोई गंभीर समस्या सामने न आए, तब तक डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। यह सोच गलत साबित हो सकती है।
असल में, उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई बीमारियां धीरे-धीरे पनपने लगती हैं, जो शुरुआती दौर में अक्सर बिना लक्षण के ही मौजूद होती हैं। नियमित हेल्थ चेकअप न केवल बीमारियों की पहचान में मदद करता है, बल्कि उन्हें गंभीर होने से भी रोकता है। इस इंटरनेशनल मेन्स डे पर जानिए पुरुषों के लिए 5 सबसे महत्वपूर्ण हेल्थ टेस्ट जो हर वयस्क को अपने हेल्थ रूटीन में शामिल करने चाहिए।
1. लिपिड प्रोफाइल
हार्ट डिजीज दुनिया में मौत का एक बड़ा कारण है। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट आपके ब्लड में अच्छे (HDL) और खराब (LDL) कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करता है। हाई कोलेस्ट्रॉल आर्टरीज में प्लाक जमा कर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा देता है। 30 साल की उम्र के बाद हर पुरुष को हर 4-5 साल में यह टेस्ट करवाना चाहिए। अगर परिवार में हाई कोलेस्ट्रॉल का इतिहास है, तो इसे जल्दी-जल्दी कराना और जरूरी है।
2. ब्लड प्रेशर
ब्लड प्रेशर टेस्ट सबसे आसान, सस्ता और जरूरी टेस्ट है। हाई ब्लड प्रेशर को "साइलेंट किलर" कहा जाता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण नहीं दिखते, लेकिन यह दिल, किडनी और दिमाग को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg माना जाता है। इसे हर 6 महीने में चेक करवाना अच्छा है। लगातार हाई रीडिंग आने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
3. ब्लड शुगर टेस्ट
डायबिटीज शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित कर सकती है। ब्लड शुगर टेस्ट (फास्टिंग या HbA1c) यह बताता है कि शरीर शुगर को कितनी अच्छी तरह प्रोसेस कर रहा है। टाइप-2 डायबिटीज की शुरुआती पहचान होने पर डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है। 40 साल की उम्र के बाद हर साल यह टेस्ट करवाना चाहिए।
4. प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन (PSA) टेस्ट
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में सबसे आम कैंसर में से एक है। PSA टेस्ट प्रोस्टेट ग्लैंड में बने प्रोटीन के स्तर को मापता है। बढ़ा हुआ PSA प्रोस्टेट में सूजन, इन्फेक्शन या कैंसर का संकेत हो सकता है। 50 साल की उम्र के बाद हर पुरुष को अपने डॉक्टर से इस टेस्ट की सलाह लेनी चाहिए। अगर परिवार में प्रोस्टेट कैंसर का इतिहास है, तो यह टेस्ट 40-45 साल की उम्र में शुरू करना उचित है।
5. कोलोनोस्कोपी
कोलोरेक्टल कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसकी शुरुआती पहचान बेहद जरूरी है। कोलोनोस्कोपी में डॉक्टर एक पतली, लचीली ट्यूब के जरिए बड़ी आंत की अंदरूनी स्थिति देखते हैं और पॉलिप्स को हटा सकते हैं, जो आगे चलकर कैंसर बन सकते हैं। 50 साल की उम्र के बाद हर 10 साल में यह टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।














