
सोने से पहले बिस्तर के पास पानी का गिलास रखना कई लोगों की रात की आदत बन चुकी है। नींद के बीच प्यास लगने या सुबह उठकर दवा लेने की सुविधा के लिए यह आदत अपनाई जाती है। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि सुबह उठकर पीने पर वह पानी पहले जैसा ताज़ा नहीं लगता? इसका कारण सिर्फ सुस्त स्वाद नहीं, बल्कि उस गिलास में रातभर होने वाले सूक्ष्म रासायनिक और जैविक बदलाव भी हैं।
दूषित पानी का खतरा
बिस्तर के पास रखा पानी देखने में साफ लग सकता है, लेकिन एक्सपर्ट्स के अनुसार यह रातभर में माइक्रोब्स का अड्डा बन सकता है। खुले गिलास में पानी छोड़ने पर कमरे में उड़ती धूल, बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्म कण पानी पर जम जाते हैं। गहरी नींद में इस पानी का गिलास धीरे-धीरे एक छोटे बैक्टीरिया पूल में बदल जाता है। सुबह जब आप इसे पीते हैं और हल्का बासी स्वाद महसूस करते हैं, तो यह असल में दूषित पानी का संकेत है।
एक्सपर्ट्स की सलाह
स्वच्छता विशेषज्ञ बताते हैं कि पानी का गिलास कुछ घंटों में ही सूक्ष्म जीवों का घर बन सकता है। खासकर गर्म कमरे में या जब पास में लाइट जल रही हो, तो पानी का तापमान बढ़ जाता है और इसमें रासायनिक बदलाव तेज़ी से होते हैं। इसका मतलब है कि आराम के लिए रखा गया गिलास धीरे-धीरे अस्वच्छ हो सकता है। इसके अलावा, सोते समय गिलास गिरने का भी खतरा रहता है।
सुरक्षित विकल्प
अगर पानी पास रखना जरूरी है, तो ढक्कन वाली बोतल या एयरटाइट कंटेनर का उपयोग करें। इससे पानी में बैक्टीरिया नहीं घुसेंगे और सुबह का पहला घूंट सुरक्षित रहेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिनभर पर्याप्त पानी पीने की आदत डालें, इससे रात में प्यास कम लगेगी और बीच-बीच में उठकर पानी पीने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
छोटे-छोटे बदलाव से सुरक्षा
सिरहाने पानी रखने की आदत मानसिक सुकून देती है कि जरूरत पड़ने पर पास में पानी है। लेकिन बिना सुरक्षा उपायों के यह आदत स्वास्थ्य के लिए जोखिम बन सकती है। इसलिए इसे स्मार्ट बनाना जरूरी है: गिलास को ढकें या बोतल का इस्तेमाल करें और दिनभर पर्याप्त पानी पीएं। इससे आपकी नींद और स्वास्थ्य दोनों सुरक्षित रहेंगे।














