ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने के कारण होती है। यह समस्या अगर समय रहते न पकड़ी जाए तो मस्तिष्क के कई महत्वपूर्ण हिस्सों को प्रभावित कर सकती है, जिससे न केवल मानसिक कार्यक्षमता कम होती है, बल्कि जीवन पर भी संकट खड़ा हो सकता है। हालांकि, अगर शुरुआत में ही इसके लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो इसका इलाज काफी हद तक संभव है। शुरुआती स्तर पर ब्रेन ट्यूमर के लक्षण बेहद हल्के होते हैं और अक्सर अन्य सामान्य समस्याओं जैसे माइग्रेन, तनाव या आंखों की थकावट से मिलते-जुलते लगते हैं। लेकिन इन लक्षणों को नजरअंदाज करना भविष्य में भारी पड़ सकता है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को समय रहते समझना बहुत जरूरी है। शुरुआत में डॉक्टर दवाओं और कुछ विशेष थेरेपी के ज़रिए ब्रेन ट्यूमर के विकास को रोक सकते हैं। यदि स्थिति गंभीर हो, तो सर्जरी का सहारा लिया जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में ट्यूमर मस्तिष्क के ऐसे हिस्से में होता है, जहां ऑपरेशन संभव नहीं होता या जोखिम बहुत अधिक होता है। इसलिए बेहतर यही है कि जैसे ही किसी तरह का संदेह हो, तुरंत मेडिकल सलाह ली जाए।
ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण: क्या हो सकते हैं संकेत?
लगातार और बढ़ता सिरदर्द: यह सबसे आम शुरुआती लक्षण है। सिरदर्द सुबह के समय ज्यादा तेज हो सकता है और खांसने, झुकने या ज़ोर लगाने से और बढ़ सकता है।
ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई: दिमाग की कार्यक्षमता पर असर होने के कारण व्यक्ति को किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल लग सकता है।
दृष्टि संबंधी समस्याएं: धुंधली दृष्टि, दोहरी चीजें दिखना या अचानक दिखाई देना बंद होना। यह ट्यूमर की आंखों की नसों पर असर का संकेत हो सकता है।
बोलने और सुनने में परेशानी: संवाद स्थापित करने में दिक्कत आना, शब्द भूल जाना या सुनाई कम देना भी एक चेतावनी संकेत हो सकता है।
मेमोरी लॉस और भ्रम: याददाश्त कमजोर होना, चीज़ें भूल जाना और सामान्य स्थिति में भी भ्रमित होना।
शारीरिक संतुलन बिगड़ना: चलने में असंतुलन, बार-बार गिरना या चक्कर आना।
दौरे पड़ना (Seizures): अचानक शरीर में झटके आना, होश खो देना, हाथ-पैरों का ऐंठना।
इंद्रियों में बदलाव: असामान्य गंध, स्वाद में बदलाव, जलन या झुनझुनी महसूस होना।
व्यवहार में बदलाव: अत्यधिक चिड़चिड़ापन, गुस्सा, मूड स्विंग्स।
पाचन तंत्र में समस्या: भूख न लगना, पेट दर्द या अपच की समस्या।
क्या करें? समय रहते कैसे लें कदम
अगर ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण आपको लगातार महसूस हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक जांच कराएं। आमतौर पर डॉक्टर शुरुआत में एमआरआई (MRI) या सीटी स्कैन (CT Scan) की सलाह देते हैं जिससे मस्तिष्क की स्थिति स्पष्ट हो सके।
अगर ब्रेन ट्यूमर शुरुआती स्टेज पर पकड़ में आ जाए तो इसकी ग्रोथ को दवाओं से रोका जा सकता है। रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी जैसी चिकित्सा पद्धतियां भी इस्तेमाल की जा सकती हैं। परंतु जैसे-जैसे देरी होती जाती है, इलाज की जटिलता और सफलता दर में कमी आ जाती है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।