हर महीने जब महिलाओं को पीरियड्स आते हैं, तो यह केवल ब्लीडिंग तक सीमित नहीं होता, बल्कि शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव भी होते हैं। सिर दर्द, पेट दर्द, मूड स्विंग्स और थकान जैसे लक्षण सामान्य रूप से सामने आते हैं। लेकिन एक और परेशानी है जो कई महिलाओं को होती है — और वह है ब्रेस्ट पेन या स्तनों में दर्द व खिंचाव। कई महिलाएं इस समस्या को लेकर असमंजस में रहती हैं कि यह पीरियड्स का सामान्य हिस्सा है या किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है?
अधिकतर मामलों में यह "साइकलिक ब्रेस्ट पेन" होता है, जो पीरियड्स शुरू होने से कुछ दिन पहले या उनके दौरान महसूस होता है। इसका मुख्य कारण हार्मोन में बदलाव होता है, विशेषकर एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में उतार-चढ़ाव। ये हार्मोन स्तनों के टिशू पर असर डालते हैं, जिससे उनमें सूजन और संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
# ब्रेस्ट पेन का अनुभव कैसा होता है?
- स्तनों में भारीपन या खिंचाव
- हल्की या तेज चुभन जैसी अनुभूति
- छूने पर अत्यधिक संवेदनशीलता
यह दर्द आमतौर पर दोनों स्तनों में समान रूप से महसूस होता है और पीरियड्स समाप्त होते ही धीरे-धीरे कम हो जाता है।
# ब्रेस्ट पेन से राहत पाने के तरीके
गर्म या ठंडी सिकाई: गर्म पानी की बोतल या ठंडी सिकाई करने से सूजन और दर्द दोनों में राहत मिलती है।
कैफीन से परहेज: चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक में मौजूद कैफीन से ब्रेस्ट पेन बढ़ सकता है, इसलिए पीरियड्स के दौरान इनसे दूरी रखना लाभदायक हो सकता है।
आरामदायक ब्रा पहनना: तंग या भारी ब्रा स्तनों पर दबाव डाल सकती है जिससे दर्द और बढ़ सकता है। हल्की, सूती और आरामदायक ब्रा पहनना ज्यादा बेहतर रहता है।
योग और स्ट्रेचिंग: हल्के व्यायाम, स्ट्रेचिंग या योग करने से शरीर को आराम मिलता है और दर्द में भी राहत मिलती है।
# कब होनी चाहिए चिंता?
अगर ब्रेस्ट पेन:
- लगातार बना रहता है
- केवल एक ही स्तन में महसूस होता है
- गांठ या कोई असमान्य कठोरता का अनुभव होता है
- या निप्पल से असामान्य डिस्चार्ज आता है
तो यह किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
पीरियड्स के दौरान ब्रेस्ट में दर्द होना बहुत-सी महिलाओं के लिए सामान्य अनुभव है और यह आमतौर पर हार्मोनल उतार-चढ़ाव की वजह से होता है। यह कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है, लेकिन यदि यह दर्द बार-बार हो या लक्षण असामान्य लगें, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। सही जानकारी और थोड़ी-सी सावधानी से आप इस परेशानी को काफी हद तक कम कर सकती हैं और अपने पीरियड्स के दिनों को अधिक सहज बना सकती हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।