
आंवला यानी भारतीय गूसबेरी को सेहत का खजाना कहा जाता है। यह विटामिन-सी का अत्यंत समृद्ध स्रोत है और इसके नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। पाचन बेहतर होता है, त्वचा दमकती है, बाल झड़ना कम होता है और हृदय भी स्वस्थ रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आंवला हर व्यक्ति के लिए समान रूप से लाभकारी नहीं होता? जी हां, कुछ लोगों के लिए यह फल फायदे से ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकता है।
आइए जानते हैं, किन लोगों को आंवला खाने से परहेज या सावधानी बरतनी चाहिए—
1. लो ब्लड प्रेशर वाले लोग रहें सतर्क
आंवला में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो रक्तचाप को स्वाभाविक रूप से घटाने में मदद करते हैं। यह गुण हाई बीपी के मरीजों के लिए तो फायदेमंद है, लेकिन लो बीपी वालों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। अधिक मात्रा में आंवला खाने से उनका ब्लड प्रेशर सामान्य से भी नीचे गिर सकता है, जिससे चक्कर आना, थकान या बेहोशी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
2. खाली पेट आंवला खाना पड़ सकता है भारी
आंवला की तासीर ठंडी होती है और इसमें मौजूद प्राकृतिक एसिड संवेदनशील पेट वालों के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। खाली पेट इसका सेवन करने से गैस, जलन या एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती है। बेहतर होगा कि आप आंवला या उसका जूस भोजन के बाद या किसी हल्के नाश्ते के साथ ही लें।
3. डायबिटीज की दवा लेने वाले रहें सावधान
आंवला ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में सहायक माना जाता है। हालांकि, जो लोग पहले से ही डायबिटीज की दवाएं ले रहे हैं, उनके लिए इसका असर उल्टा भी पड़ सकता है। आंवला और दवा, दोनों का संयुक्त प्रभाव ब्लड शुगर को सामान्य से कम कर सकता है, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति बन सकती है। ऐसे मरीजों को आंवला लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
4. सर्जरी से पहले आंवला का सेवन न करें
आंवला रक्तचाप और शुगर लेवल दोनों पर प्रभाव डाल सकता है। यही वजह है कि किसी भी सर्जरी से पहले इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। यह सावधानी इसलिए जरूरी है ताकि ऑपरेशन के दौरान और रिकवरी के समय शरीर के भीतर स्थिरता बनी रहे और कोई जटिलता न उत्पन्न हो।
5. ब्लीडिंग डिसऑर्डर से पीड़ित रहें दूर
आंवला में खून को पतला करने वाले गुण पाए जाते हैं। ऐसे में जिन लोगों को हीमोफिलिया जैसी समस्या है या जो ब्लड थिनिंग दवाओं का सेवन करते हैं, उन्हें इसे सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए। अधिक सेवन से मामूली चोट पर भी खून बहना लंबे समय तक बंद नहीं हो सकता या आंतरिक रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।














