
वयोवृद्ध फिल्मकार और मार्गदर्शक महेश भट्ट ने हाल ही में मोहित सूरी की फिल्म ‘सैयारा’ की बॉक्स ऑफिस पर अभूतपूर्व सफलता पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। यह फिल्म साल 2025 की सबसे बड़ी ओपनिंग देने वाली फिल्म बन चुकी है, जिसने ‘छावा’ जैसी बड़ी हिट को भी पीछे छोड़ दिया है। महेश भट्ट इस सफलता को सिर्फ एक व्यावसायिक जीत नहीं मानते, बल्कि इसे उस सिनेमा के पुनर्जागरण की संज्ञा दे रहे हैं जो भावनाओं से जुड़ा हो और दर्शकों के दिलों को छूता हो।
महेश भट्ट ने कहा, “मनोरंजन के इस जंगल में परंपरा यही है कि हर फिल्मकार को अपनी हर फिल्म के साथ एक शेर मारना होता है, जैसे प्राचीन समय में योद्धा को अपनी वीरता सिद्ध करनी होती थी। ‘सैयारा’ की सफलता यह सिद्ध करती है कि आज भी दर्शक सच्चे और दिल से निकले प्रेम की कहानियों को देखने के लिए लालायित हैं।”
उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म उद्योग में अक्सर यह मान्यता रही है कि केवल बेमतलब का मनोरंजन या किसी खास एजेंडे वाली फिल्में ही कमाई कर सकती हैं। लेकिन मोहित सूरी की यह प्रेम कहानी उन सभी धारणाओं को तोड़ती है। महेश भट्ट ने ‘सैयारा’ को एक साहसी प्रयोग बताते हुए कहा कि इस फिल्म ने यह सिद्ध किया है कि विविधतापूर्ण और भावनात्मक कहानियां आज भी दर्शकों के दिलों पर राज कर सकती हैं।
भट्ट ने मोहित सूरी के साथ अपने साझा सफर को याद करते हुए कहा, “मैंने ‘आशिकी’ के जरिए नींव रखी थी, और मोहित ने ‘आशिकी 2’ से उसे फिर जीवंत कर दिया। लेकिन अब ‘सैयारा’ के जरिए उसने उस छाया से बाहर निकल कर अपना स्वतंत्र ब्रह्मांड बना लिया है। अब वह सिर्फ मेरा शिष्य नहीं, बल्कि एक स्वतंत्र स्वर है जिसे इस युग की ज़रूरत थी।”
उन्होंने गर्व के साथ यह भी कहा, “किसी गुरु के लिए इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है कि उसका शिष्य इन अंधेरे समयों में एक अकेला सितारा बनकर चमके। मोहित ने अपनी फिल्म के शीर्षक को वास्तविक अर्थों में जी लिया है।”
‘सैयारा’ की सफलता एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि बॉलीवुड में दिल से निकली कहानियों की अब भी कद्र है। जहां आजकल की अधिकांश फिल्में या तो शोरगुल और एक्शन से भरपूर होती हैं या फिर केवल विचारधारा से प्रेरित, वहीं मोहित सूरी की यह फिल्म एक भावनात्मक यात्रा है, जो दर्शकों के दिलों में घर कर गई है।














