
ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को कर्म और न्याय के देवता माना गया है। उन्हें सबसे अधिक अनुशासनप्रिय और दंड देने वाला ग्रह कहा जाता है। शनिदेव की चाल बेहद मंद होती है और यही कारण है कि वे प्रत्येक राशि में करीब ढाई वर्षों तक ठहरते हैं। वर्तमान समय में शनि मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, और यह गोचर 2027 तक बना रहेगा। इस अवधि में शनिदेव की दृष्टि कुछ राशियों पर विशेष रूप से सौम्य और शुभ प्रभाव डालेगी। इन जातकों के जीवन में उन्नति, सुख, और समृद्धि के द्वार खुल सकते हैं।
आइए जानते हैं कि शनि गोचर 2027 तक किन 5 भाग्यशाली राशियों पर अपनी विशेष कृपा बनाए रखेंगे:
वृषभ राशि (Taurus): आर्थिक समृद्धि और नई योजनाओं में सफलता
शनि देव इस समय वृषभ राशि के ग्यारहवें भाव में विराजमान हैं। यह भाव आय, लाभ और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इस गोचर काल में वृषभ जातकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। व्यवसायियों को नई परियोजनाओं में लाभ मिल सकता है, जबकि नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति या वेतन वृद्धि का योग बन रहा है। पुराने मित्रों से सहयोग मिलेगा, जिससे रुकी हुई योजनाएँ गति पकड़ेंगी। निवेश के लिहाज से भी यह समय अत्यंत लाभकारी रहेगा।
कर्क राशि (Cancer): भाग्य का साथ और विदेश यात्रा के संकेत
कर्क राशि के लिए शनि नवम भाव में प्रवेश कर चुके हैं, जो कि भाग्य, धर्म, और गुरु का भाव माना जाता है। इस अवधि में भाग्य आपका साथ देगा और अटके हुए कार्य सहजता से पूरे होंगे। शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट परिणाम मिल सकते हैं। विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए यह समय बेहद अनुकूल है। विदेश यात्रा, उच्च शिक्षा या धर्म-कर्म से जुड़ी गतिविधियाँ शुभ फल प्रदान करेंगी। माता-पिता के साथ संबंध मधुर होंगे और उनकी आशीर्वाद से लाभ मिलेगा।
तुला राशि (Libra): कर्जमुक्ति और स्वास्थ्य में सुधार
तुला राशि वालों के लिए शनि षष्ठ भाव में गोचर कर रहे हैं, जो कि रोग, ऋण और शत्रुओं का भाव है। यह गोचर तुला जातकों के लिए अत्यंत शुभ है। पुराने कर्ज से मुक्ति मिलेगी और आय के स्रोत बढ़ेंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा और रोगों पर विजय प्राप्त होगी। व्यावसायिक स्थिरता प्राप्त होगी तथा नौकरी में उन्नति के संकेत हैं। शत्रु पराजित होंगे और प्रतिस्पर्धा में सफलता मिलेगी। निवेश भी लाभकारी साबित हो सकता है।
वृश्चिक राशि (Scorpio): प्रेम, संतान और वैवाहिक योग
वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि पंचम भाव में विराजमान हैं। यह भाव प्रेम, संतान और सृजनात्मकता से जुड़ा हुआ है। जो लोग प्रेम संबंध में हैं उनके रिश्ते और भी गहरे होंगे। संतान सुख की प्राप्ति के योग बन रहे हैं। इस समय विवाह के प्रस्ताव भी आ सकते हैं। विद्यार्थियों के लिए यह समय विशेष रूप से अनुकूल रहेगा। धर्म-कर्म और आध्यात्मिकता में रुचि बढ़ेगी। निवेश से आर्थिक लाभ भी संभव है।
मकर राशि (Capricorn): आत्मबल में वृद्धि और नए कार्यों की शुरुआत
मकर राशि के लिए शनि तृतीय भाव में गोचर कर रहे हैं। यह भाव साहस, संचार और छोटे भाई-बहनों से जुड़ा हुआ होता है। इस गोचर के दौरान मकर राशि के जातकों का आत्मविश्वास उच्चतम स्तर पर रहेगा। आप किसी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं और उसमें सफलता भी मिलेगी। मान-सम्मान में वृद्धि होगी और परिवार का साथ भी प्राप्त होगा। यात्रा से लाभ मिलने की प्रबल संभावना है।
डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पंचांग आधारित जानकारी पर आधारित है। किसी विशेष निर्णय या अनुष्ठान से पहले योग्य पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।














