
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के परिणाम को आएं आज 13 दिन हो चुके है लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया की सरकार किसकी होगी। बीजेपी और शिवसेना के बीच सत्ता को लेकर चल रही खिचातानी के बीच आज एक बार फिर शिवसेना (Shiv Sena) के वरिष्ठ नेता और सामना (Saamna) के कार्यकारी संपादक संजय (Sanjay Raut) राउत ने बीजेपी (BJP) और खासकर देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) पर तंज कसा है। राउत ने कहा कि शिवसेना को देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री के तौर पर किसी भी हाल में स्वीकार नहीं हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, हां, यह जरूर है कि देवेंद्र फडणवीस चाहें तो कल ही डिप्टी सीएम बन सकते हैं। उन्होंने फडणवीस पर आरोप लगाते हुए कहा कि लंबे समय से हम लोग विरोध झेल रहे हैं लेकिन हमें खत्म करने की बात बोलने वाला कोई नहीं मिला। इन्हें शिवसेना को खत्म करना है, अपने विरोधियों समेत मित्रों को भी खत्म करना है। खुद की ही पार्टी में चुनौती दे रहे नेताओं को खत्म करना है। राउत ने कहा कि अहंकारी का अहंकार खत्म करने का यह सही समय है।
दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में संजय राउत ने कहा कि सीटों के बंटवारे के दौरान बीजेपी ने हमें कम सीटें दीं। 25 सीटों पर जीतने की संभावना काफी कम थी। 32 सीटों पर बीजेपी के बागियों ने ही हमें हराया। ये कैसा गठबंधन हुआ। वो हो सकता है कि अपनी बात भूल गए हों लेकिन हमें याद है, हमें बराबरी चाहिए।
शरद पवार को महाराष्ट्र की राजनीति का महत्वपूर्ण फैक्टर बताते हुए संजय राउत ने कहा कि पवार से बैठक क्यों नहीं होनी चाहिए। उनके पास कितने विधायक हैं यह बात नहीं है। बात है कि पवार के बिना सूबे की राजनीति की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने इस दौरान कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) का जिक्र करते हुए कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से ही दिया गया था। राज्य में राष्ट्रपति शासन की जगह पर विपरीत विचारों की पार्टियों को भी साथ में लाया जा सकता है।
इस बीच आज बीजेपी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर उनके सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती हैं। बुधवार को बीजेपी कोर कमिटी की बैठक के बाद राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि जल्दी ही लोगों को खुशखबरी सुनने को मिलेगी। बीजेपी ने खुशखबरी सुनाने की बात तो कह दी, लेकिन आंकड़ों का ब्यौरा नहीं दिया। मुनगंटीवार ने कहा था कि चंद्रकांत पाटील के नेतृत्व में बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम देवेंद्र फड़णवीस द्वारा मंजूर संदेश के साथ राज्यपाल से मुलाकात करेगा।
वही शिवसेना ने गुरुवार सुबह साढ़े 11 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है। दरअसल, शिवसेना को अपने विधायकों के टूटने का डर सता रहा है। शिवसेना ने बिना नाम लिये बीजेपी पर हमला बोलते हुए अपने मुख पत्र सामना में लिखा है कि कुछ लोग नए विधायकों से संपर्क कर 'थैली' की भाषा बोल रहे हैं और ऐसी शिकायतें बढ़ रही है। शिवसेना ने कहा है कि पिछली सत्ता का उपयोग अगली सत्ता के लिए ‘थैलियां’ बांटने में हो रहा है। पर किसानों के हाथ कोई दमड़ी भी रखने को तैयार नहीं है। इसीलिए महाराष्ट्र के किसानों को शिवसेना की सत्ता चाहिए। सामना में लिखा गया है कि महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा धूमिल करके यहां पर कोई राज नहीं कर सकता। इसके लिए शिवसेना वहां तलवार लेकर खड़ी है।
आपको बता दें कि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने मिलकर बहुमत का आंकड़ा आसानी से पार कर लिया है। शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले की मांग कर दी। जिसके मुताबिक ढाई साल शिवसेना और ढाई साल बीजेपी का मुख्यमंत्री होने की बात है। लेकिन बीजेपी ने साफ कर दिया कि पूरे पांच साल मुख्यमंत्री का पद उसी के पास रहेगा।














