प्रधानमंत्री मोदी आज नए संसद भवन का करेंगे भूमिपूजन, 2022 तक तैयार होने की संभावना
By: Priyanka Maheshwari Thu, 10 Dec 2020 09:16:24
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुवार को दिल्ली में संसद भवन की नई बिल्डिंग का शिलान्यास और भूमि पूजन करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रधानमंत्री को बाकायदा न्योता दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम नए संसद भवन में दोनों सदनों के सेशन की शुरुआत करेंगे। अधिकारियों ने सितंबर में बताया था कि नए भवन को त्रिकोण (ट्राएंगल) के आकार में डिजाइन किया गया है। इसे मौजूदा परिसर के पास ही बनाया जाएगा। इस पर 861.90 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे बनाने का जिम्मा टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिला है। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि नए संसद भवन का डिजाइन अहमदाबाद के मैसर्स एचसीपी डिजाइन और मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है।
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी, जिसमें संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी होगी। इसी प्रकार, राज्य सभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
नए संसद भवन के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर को नाराजगी जताई थी। इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत कोई कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ या पेड़ काटने का काम तब तक नहीं होना चाहिए, जब तक कि पेंडिंग अर्जियों पर आखिरी फैसला न सुना दिया जाए।
पार्लियामेंट लुटियंस ने डिजाइन की थी
अभी बना संसद भवन अंग्रेजों के राज में बना था। इसे एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। उन्होंने नई दिल्ली का कंस्ट्रक्शन और प्लानिंग भी की थी। गोल आकार में बना संसद भवन भारत की सबसे बेहतरीन इमारतों में शुमार है। इसके सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा बनी है। वर्तमान संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी 1921 को द डयूक ऑफ कनॉट ने रखी थी । भवन का उद्घाटन भारत के तत्कालीन वायसरॉय लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी 1927 को किया था। वर्तमान संसद भवन का निर्माण छह वर्ष में पूरा हुआ और निर्माण पर 83 लाख रुपए की लागत आयी थी। सेन्ट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली की पहली बैठक 19 जनवरी 1927 को संसद भवन में हुई थी।
यह है पुरानी संसद का आकार
वर्तमान संसद भवन एक वृहत वृत्ताकार भवन है जिसका व्यास 560 फीट है। इसकी परिधि एक तिहाई मील है और इसका क्षेत्रफल लगभग छह एकड़ है। इसके प्रथम तल के खुले बरामदे के किनारे पर क्रीम रंग के बालुई पत्थर के 144 स्तम्भ लगे हुए हैं जिनकी ऊँचाई 27 फीट है। ये स्तम्भ इस भवन को एक अनूठा आकर्षण और गरिमा प्रदान करते हैं। पूरा संसद भवन लाल बालुई पत्थर की सजावटी दीवार से घिरा हुआ है जिसमें लोहे के द्वार लगे हुए हैं। कुल मिलाकर इस भवन में 12 द्वार हैं।
यह है सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान
- सरकार ने राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच नई इमारतें बनाने के लिए सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान तैयार किया है।
- इसी इलाके में सेंट्रल सेक्रेटेरिएट के लिए 10 बिल्डिंग बनाई जाएंगी। राष्ट्रपति भवन, मौजूदा संसद भवन, इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार की इमारत को वैसा ही रखा जाएगा।
- सेंट्रल विस्टा के मास्टर प्लान के मुताबिक, पुराने संसद भवन के सामने गांधीजी की प्रतिमा के पीछे नया तिकोना संसद भवन बनेगा।
- इसमें लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक इमारत होगी, लेकिन सेंट्रल हॉल नहीं बनेगा। यह इमारत 13 एकड़ जमीन पर तैयार होगी।
आपको बता दे, नए संसद भवन में भारत की गौरवशाली विरासत को भी दर्शाया जाएगा। देश के कोने-कोने से आए दस्तकार और शिल्पकार अपनी कला और योगदान के माध्यम से इस भवन में सांस्कृतिक विविधता का समावेश करेंगे। नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त और ऊर्जा कुशल होगा। मौजूदा संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी। नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्यसभा के आकार में भी वृद्धि की गई है। नए भवन की सज्जा में भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प और वास्तुकला की विविधता का समृद्ध मिलाजुला स्वरूप होगा। डिज़ाइन योजना में केन्द्रीय संवैधानिक गैलरी को स्थान दिया गया है। आम लोग इसे देख सकेंगे।