मुख्यमंत्रियों से प्रधानमंत्री की चर्चा / मोदी ने की कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने की अपील, बोले - 72 घंटे वाले फॉर्मूले पर करे फोकस

By: Pinki Tue, 11 Aug 2020 2:42:44

मुख्यमंत्रियों से प्रधानमंत्री की चर्चा / मोदी ने की कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने की अपील, बोले - 72 घंटे वाले फॉर्मूले पर करे फोकस

देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 22 लाख 71 हजार 13 पहुंच गया है। देश में बढ़ते संक्रमण के बीच आज मंगलवार को कोरोना की मौजूदा स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों से बात की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, महामारी अपना रूप बदल रही है और कई तरह की परिस्थिति पैदा हो रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार, गुजरात और तेलंगाना जैसे राज्यों में टेस्टिंग को बढ़ाने की जरूरत है।

पीएम मोदी ने कहा, 'कोरोना संक्रमण को पहचानने और रोकने में मदद मिल रही है। एक्टिव केस का प्रतिशत कम हुआ है। रिकवरी रेट लगातार सुधर रहा है। इसका अर्थ यह है कि हमारे प्रयास कारगर हो रहे हैं। सबसे अहम यह है कि इससे लोगों के बीच भी भरोसा और आत्मविश्वास बढ़ा है, डर का माहौल भी कम हुआ है।'

उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट कह रहे हैं कि शुरुआती 72 घंटे में ही संक्रमण की पहचान कर लेते हैं, तो संक्रमण धीमा हो सकता है। 72 घंटे में संक्रमित व्यक्ति के आस-पास वालों की भी टेस्टिंग हो जानी चाहिए। हाथ धोने, मास्क की बात हो, कहीं पर नहीं थूकने की बात हो। इसे लेकर जनता के बीच एक नया मंत्र पहुंचाना पड़ेगा। इसके जरिए ज्यादा मामलों वाले 10 राज्य स्थिति को पलट सकते हैं। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि अब इसी 72 घंटे के फॉर्मूले पर फोकस करना होगा, जो भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव निकले उसके 72 घंटे में सभी संपर्क में आए लोगों की टेस्टिंग जरूरी है। दिल्ली-यूपी में हालात डराने वाले थे, लेकिन अब टेस्टिंग बढ़ाने के बाद हालात सुधरे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लगातार मिलना जरूरी है, क्योंकि महामारी का वक्त बीतते हुए नई बातें पता लग रही हैं। अब अस्पतालों पर दबाव, स्वास्थ्यकर्मियों पर दबाव, आम लोगों पर दबाव बन रहा है। हर राज्य अपने-अपने स्तर पर महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, केंद्र और राज्य आज टीम बनकर काम कर रहे हैं।

मोदी के भाषण की 8 अहम बातें

- 'टेस्टिंग की संख्या बढ़कर हर दिन 7 लाख तक पहुंच चुकी है। ये लगातार बढ़ भी रही है। इससे संक्रमण को पहचानने और रोकने में जो मदद मिल रही है, आज हम देख रहे हैं। हमारे यहां औसत मृत्यु दर पहले भी दुनिया के मुकाबले काफी कम थी, संतोष की बात है कि ये लगातार और कम हो रही है।'

- 'आज 80 प्रतिशत एक्टिव मामले इन दस राज्यों में हैं, इसलिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इन सभी राज्यों की भूमिका बहुत बड़ी है। आज देश में एक्टिव मामले 6 लाख से ज्यादा हो चुके हैं। इनमें से ज्यादातर मामले हमारे इन दस राज्यों में ही हैं।

- अब तक का हमारा अनुभव है कि कोरोना के खिलाफ कंटेनमेंट, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और सरवेलेंस सबसे प्रभावी हथियार है। अब जनता भी यह बात समझ रही है। लोग सहयोग कर रहे हैं। ये जागरूकता की हमारी कोशिशों के एक अच्छे परिणाम की तरह है।

- जिन राज्यों में टेस्टिंग रेट कम है और जहां पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है। वहां टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत सामने आई है। खासतौर पर, बिहार, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना। हम इन राज्यों में टेस्टिंग पर जोर दे रहे हैं।

- 'कहीं न कहीं ये एक भाव आज निकलकर आया है कि अगर हम मिलकर अपने इन दस राज्यों में कोरोना को हरा देते हैं, तो देश भी जीत जाएगा।'

- 'हमने मृत्यु दर को 1% से भी नीचे लाने का जो लक्ष्य रखा है, इसे भी थोड़ा प्रयास करें तो हासिल कर सकते हैं। आगे हमें क्या करना है, कैसे बढ़ना है। इसे लेकर भी काफी स्पष्टता हमारे बीच और ग्रास रूट लेवल पर भी पहुंची है।'

- 'जिन राज्यों में टेस्टिंग कम और पॉजिटिव केस ज्यादा हैं, वहां टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत की बात सामने आई है। बिहार, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना में टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है।

- 'जिन 10 राज्यों में जहां 80% केस, 82% डेथ रेट है, वे सभी मिलकर भारत को विजयी बना सकते हैं।'

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