राहुल गांधी माफी मांगते-मांगते थक जाएंगे, गली के हर मोड़ पर इनके गुनाहों के ढेर दिखेंगे - मुख्तार अब्बास नकवी

By: Pinki Wed, 03 Mar 2021 2:49:01

 राहुल गांधी माफी मांगते-मांगते थक जाएंगे, गली के हर मोड़ पर इनके गुनाहों के ढेर दिखेंगे - मुख्तार अब्बास नकवी

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राहुल गांधी के इमरजेंसी वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वे माफी मांगते थक जाएंगे लेकिन उनके गुनाहों की गिनती खत्म नहीं होगी। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'इमरजेंसी में जिन लोगों ने अपनी जाने गंवाई, जिस तरह से उन्होंने लोकतंत्र की हत्या की। ये माफी करने लायक है? गली के हर मोड़ पर इनके गुनाहों के ढेर दिखेंगे।' दरअसल, राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रोफेसर कौशिक बसु के साथ वर्चुअल डिस्कशन के दौरान कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में आपातकाल लगाना गलत था। राहुल गांधी ने कहा उस वक्त जो हुआ और आज जो देश में हो रहा है, दोनों में फर्क है। कांग्रेस पार्टी कभी भी मौके पर भारत के संवैधानिक ढांचे को हथियाने की कोशिश नहीं करती है। हमारी पार्टी का ढांचा हमें इसकी इजाजत ही नहीं देता। अगर हम चाहे भी कि ऐसा कर दें तो हम नहीं कर सकते।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वर्तमान सरकार भारत की लोकतांत्रित प्रणाली को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने कभी भी संस्थानों का फायदा उठाने की कोशिश नहीं की। वर्तमान सरकार भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है। हर संस्था की स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है। RSS हर जगह घुसपैठ कर रहा है। कोर्ट, इलेक्शन कमीशन जैसी स्वतंत्र संस्थाओं पर एक ही आइडियोलॉजी के लोगों का कब्जा है। मीडिया से लेकर कोर्ट तक को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हम चुनाव जीत भी जाएं तो संस्थाओं पर काबिज लोगों से छुटकारा नहीं पा सकते।'

ऑनलाइन बातचीत में मौजूदा दौर के बारे में बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'संसद में डिबेट के दौरान माइक बंद कर दिया जाता है। हमें संसद में बोलने की अनुमति नहीं है। आरएसएस-भाजपा के पास बेतहाशा आर्थिक ताकत है। व्यवसायिकों को विपक्ष के पक्ष में खड़े होने की इजाजत नहीं है। लोकतांत्रिक अवधारणा पर ये सोचा-समझा हमला है। मणिपुर में राज्यपाल BJP की मदद कर रहे हैं, पडुचेरी में उपराज्यपाल ने कई बिल को पास नहीं होने देना, क्योंकि वो RSS से जुड़ी थीं। मिस्र में एक कॉन्फ्रेंस में मैं गया, वहां एक राजनीतिक कॉन्फ्रेंस में जज बैठे हुए थे। इसका मतलब था कि वहां एक ही संस्थान काम कर रहा था, भारत में अभी कुछ ऐसी ही स्थिति है।'

राहुल ने कहा, 'मैं पहला आदमी था, जिसने कहा कि पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक चुनावों को बेहद जरूरी बताया था, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि ये सवाल किसी भी दूसरी पार्टी से नहीं पूछा जाता है। कोई नहीं पूछता है कि भाजपा, बसपा और समाजवादी पार्टी में आतंरिक लोकतंत्र क्यों नहीं है, लेकिन कांग्रेस से ये सवाल होता है और इसके पीछे वजह है। हम विचारधारा वाली पार्टी हैं और हमारी विचारधारा देश के संविधान की विचारधारा है। ऐसे में हमारे लिए लोकतांत्रिक रहना बेहद जरूरी है।'

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