किसान आंदोलन पर जस्टिन ट्रूडो के बयान से विदेश मंत्रालय नाराज, उच्चायुक्त को भेजा समन
By: Pinki Fri, 04 Dec 2020 5:04:06
किसान आंदोलन को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जताते हुए कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसानों के मुद्दों पर कनाडा के नेताओं की टिप्पणी हमारे आंतरिक मामलों में 'बर्दाश्त नहीं करने लायक हस्तक्षेप' है। यह जारी रहा तो दोनों देशों के रिश्तों को गंभीर नुकसान हो सकता है। ट्रूडो ने गुरुनानक जयंती के दिन भारत के प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करते हुए कहा था कि हालात चिंताजनक हैं। वे हमेशा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के पक्ष में रहे हैं। गुरु नानक देव की 551वीं जयंती के मौके पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान ट्रूडो ने कहा, 'हालात बेहद चिंताजनक हैं और हम परिवार तथा दोस्तों को लेकर परेशान हैं। हमें पता है कि यह कई लोगों के लिए सच्चाई है। आपको याद दिला दूं, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा।' कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं, जो ज्यादातर पंजाब से हैं।
We expect the Canadian Government to ensure the fullest security of Indian diplomatic personnel and its political leaders to refrain from pronouncements that legitimize extremist activism: Ministry of External Affairs
— ANI (@ANI) December 4, 2020
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने कनाडाई नेताओं द्वारा भारत में किसानों से संबंधित कुछ ऐसी टिप्पणियों को देखा है जो भ्रामक सूचनाओं पर आधारित हैं। इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं, खासकर जब वे एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हों।' मंत्रालय ने एक संदेश में कहा, 'बेहतर होगा कि कूटनीतिक बातचीत राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं की जाये।'
ट्रूडो ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की गई वीडियो में कहा, 'हम बातचीत में विश्वास करते हैं। हमने भारतीय अधिकारियों के सामने अपनी चिंताएं रखी हैं।'
कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने भी स्थिति को लेकर चिंता जताई। भारतीय मूल के सज्जन ने रविवार को ट्वीट किया था, 'भारत में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर क्रूरता दिखाना परेशान करने वाला है। मेरे क्षेत्र के कई लोगों के परिवार वहां हैं और उन्हें अपने लोगों की चिंता है। स्वस्थ लोकतंत्र शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति देते हैं। मैं इस मूलभूत अधिकार की रक्षा की अपील करता हूं।'
बता दे, कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का शुक्रवार को 9वां दिन है। किसान कल सरकार के साथ होने वाली बैठक के लिए आज रणनीति तैयार कर रहे हैं। किसान भाइयों को आज दीदी यानी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का भी साथ मिल गया है। ममता बनर्जी ने कई किसान नेताओं से फोन पर बात की है और उनसे कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आपके आंदोलन में तृणमूल पूरी तरह साथ है।
किसानों के सपोर्ट में अवॉर्ड वापसी का सिलसिला दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। लेखक डॉ मोहनजीत, चिंतक डॉ जसविंदर और पत्रकार स्वराजबीर ने अपने साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा दिए हैं। गुरुवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्मविभूषण अवॉर्ड लौटा दिया था। उनके अलावा राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने अपना पद्मभूषण वापस करने का ऐलान किया था।