केजरीवाल ने विधानसभा में कृषि कानून की कॉपी फाड़ी, कहा- अंग्रेजों से बदतर ना बने केंद्र

By: Pinki Thu, 17 Dec 2020 5:21:32

केजरीवाल ने विधानसभा में कृषि कानून की कॉपी फाड़ी, कहा- अंग्रेजों से बदतर ना बने केंद्र

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 22वां दिन है। इस मसले पर गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया गया। इस दौरान केजरीवाल ने कृषि कानून की कॉपी फाड़ी दी। उन्होंने कहा कि सरकार और कितनी जान लेगी? अब तक 20 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। एक-एक किसान भगत सिंह बनकर आंदोलन में बैठा है। अंग्रेजों से बदतर न बने सरकार।

सीएम ने कहा कि महामारी के दौरान इन कानूनों को पास कराने की क्या जरूरत थी। वे बोले, 'ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्यसभा में वोटिंग के बिना ही तीन कानून पास कर दिए गए। मैं इन कानूनों की कॉपी फाड़ता हूं और केंद्र से अपील करता हूं कि अंग्रेजों से बदतर ना बनें।'

सीएम ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने बरेली में रैली की और तीनों बिलों के फायदे समझाने लगे कि तुम्हारी जमीन नहीं जाएगी, मंडी बंद नहीं होगी। भाजपा वाले बताएं इस कानून से फायदा क्या है? भाजपा वालों को एक लाइन रटवा दी गई है कि किसान देश में कहीं भी फसल बेच सकता है। हवा में बात करने से क्या होगा? किसानों को नहीं भाजपाइयों को भ्रमित किया गया है, भाजपाइयों को अफीम खिला दी गई है।

सत्र के बाद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली विधानसभा ने तीनों कृषि कानूनों को खारिज कर दिया है। केंद्र सरकार अंग्रेज से बदतर न बने और कानून वापिस ले। दिल्ली विधानसभा में कृषि कानूनों को निरस्त करने का संकल्प पत्र स्वीकार कर लिया गया है।

जय जवान, जय किसान के नारे लगे

बता दें कि कृषि कानून को लेकर दिल्ली विधानसभा में गुरुवार को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था। सत्र की शुरुआत होने पर मंत्री कैलाश गहलोत ने एक संकल्प पत्र पेश किया, जिसमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात कही गई। इसके बाद हर वक्ता को बोलने के लिए पांच मिनट का वक्त दिया गया। इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक महेंद्र गोयल, सोमनाथ भारती ने सदन में कृषि कानून की कॉपी को फाड़ा। उन्होंने इस दौरान जय जवान, जय किसान के नारे लगाए और कहा कि जो कानून किसानों के खिलाफ है, हमें उसे स्वीकार नहीं करेंगे।

37 साल के जयसिंह की हुई मौत

आपको बता दे, टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल 37 साल के जयसिंह को हार्ट अटैक आने से गुरुवार को मौत हो गई। वे बठिंडा के तुंगवाली गांव के रहने वाले थे। आंदोलन में शामिल लोगों में से अब तक 7 की अलग-अलग वजहों से मौत हो चुकी है।

आपको बता दे, कृषि कानूनों पर गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल किसान आंदोलन को लेकर पार्टी नेताओं से बात कर रहे हैं। भाजपा हेडक्वार्टर पर चल रही इस मीटिंग में पार्टी के महासचिव शामिल हैं। दूसरी तरफ टिकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने कहा है कि वे सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन कृषि कानूनों का विरोध नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अपना अहंकार बचाने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का सहारा ले रही है।

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा है कि किसानों की समस्या का हल नहीं निकला तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। सरकार किसान संगठनों के फूट डालने की कोशिश कर रही है। सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर समाधान निकालना चाहिए।

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