देशभर के व्यापारियों का कल देशव्यापी बंद, बाजार बंद के साथ होगा चक्का जाम
By: Pinki Thu, 25 Feb 2021 11:59:51
व्यापारियों के शीर्ष संगठन द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 26 फरवरी को भारत बंद का आह्वान (Bharat Bandh 2021) किया है। व्यापारियों की मांग है कि सरकार जीएसटी (GST) व्यवस्था को सरल बनाए। देश के सभी राज्यों में व्यापारिक संगठनों ने व्यापार बंद में शामिल होने का निर्णय लिया है। दिल्ली में भी अधिकांश व्यापारिक संगठनों ने व्यापार बंद में शामिल होने का फैसला किया है।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद से माल एवं सेवा कर (GST) के कठोर प्रावधानों को समाप्त करने की मांग को लेकर 26 फरवरी को देश भर में 1500 स्थानों पर धरना भी दिया जाएगा। देश भर के सभी बाजार बंद रहेंगे और सभी राज्यों के अलग-अलग शहरों में विरोध स्वरूप धरना का आयोजन किया जाएगा। खंडेलवाल ने बताया कि देश भर में व्यापारियों का विरोध तर्कसंगत और शांतिपूर्ण होगा। होलसेल एवं रिटेल बाजार पूरी तरह से बंद रहेंगे जबकि आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को बंद में शामिल नहीं किया गया है। रिहायशी कॉलोनियों में लोगों की जरूरतों को पूरा करने वाली दुकानें आदि को भी बंद से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि व्यापार बंद करना व्यापारियों का कर्म नहीं है लेकिन हमारी मजबूरी है क्योंकि जीएसटी कर प्रणाली सरलीकृत होने के बजाय बेहद जटिल हो गई है।
खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी मूल घोषित उद्देश्य के एकदम विरुद्ध चला गया है, जिसके पालन ने व्यापारियों को परेशान कर रखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कर प्रणाली को सरल और तर्कसंगत बनाने के बजाय किस तरह से व्यापारियों पर कर पालना का ज्यादा से ज्यादा बोझ डाला जाए इस दिशा में जीएसटी कॉउन्सिल काम कर रही है ,जो की निहायत अलोकतांत्रिक है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी को एक सरलीकृत और युक्तिसंगत कर प्रणाली बनाने की जरूरत है जिसमें एक साधारण व्यापारी भी आसानी से जीएसटी के प्रावधानों का पालन कर सके। ‘‘स्वैच्छिक अनुपालन'' एक सफल जीएसटी व्यवस्था की कुंजी है।'' खंडेलवाल ने कहा कि चार वर्षों में जीएसटी नियमों में अब तक लगभग 950 संशोधन किये गये हैं। जीएसटी पोर्टल पर तकनीकी खामियों से जुड़े मुद्दे तथा अनुपालन बोझ बढ़ना कर व्यवस्था की प्रमुख खामिया हैं।
‘चक्का जाम’ का ऐलान
इसी के साथ सड़क परिवहन क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने कैट के समर्थन में इसी दिन ‘चक्का जाम’ का ऐलान किया है। इसकी वजह से 26 फरवरी को सभी व्यावसायिक बाजार बंद रहेंगे। देश के ट्रांसपोर्ट सेक्टर के अलावा बड़ी संख्या में अनेक राष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों ने भी व्यापार बंद का समर्थन किया है जिसमें खास तौर पर ऑल इंडिया एफएमसीज़ी डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन, फेडेरेशन ऑफ अलूमिनियम यूटेंसिलस मैन्यूफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन, नार्थ इंडिया स्पाईसिस ट्रेडर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया वूमेंन एंटेरप्रिनियर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया कम्प्यूटर डीलर एसोसिएशन, ऑल इंडिया कॉस्मेटिक मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन आदि शामिल हैं।
सभी राज्य स्तरीय-परिवहन संघों ने भारत सरकार द्वारा पेश किए गए नए ई-वे बिल कानूनों के विरोध में कैट का समर्थन किया है। ट्रांसपोर्ट के कार्यालयों को इस दौरान पूरी तरह बंद रखने की घोषणा की है। किसी भी प्रकार की माल की बुकिंग, डिलीवरी, लदाई/उतराई बंद रहेगी। सभी परिवहन कंपनियों को विरोध के लिए सुबह 6 से शाम के 8 बजे के बीच अपने वाहन पार्क करने के लिए कहा है।
एक जनवरी से प्रभावी होने वाले नए ई वे बिल के नियम से परिवहन और व्यवसायी वर्ग चिंतित है। केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार ई वे बिल की समय सीमा की वैधता घटाई जाएगी। वर्तमान में प्रति 100 किमी तक के लिए वाहन पर लादे गए सामान पर दो दिन के लिए ई वे बिल की समय सीमा है। यह एक जनवरी से मात्र एक दिन की रहेगी।
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