46 साल बाद हुई ‘गर्म हवा’ की तारीफ, शूजित ने कहा. . . .
By: Geeta Fri, 25 Jan 2019 5:49:00
बॉलीवुड को अक्टोबर, पिंक, विक्की डोनर, मद्रास कैफे और पीकू सरीखी फिल्में देने वाले शूजित सरकार इन दिनों खाली समय में बॉलीवुड के पुराने कलाकारों की फिल्मों का आनन्द ले रहे हैं। इस बात को हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हाल ही में उन्होंने एक न्यूज एजेंसी को अपना छोटा सा साक्षात्कार दिया है जिसमें उन्होंने बलराज साहनी अभिनीत फिल्म ‘गर्म हवा’ का जिक्र करने के साथ ही उनकी भरपूर तारीफ की है।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक शूजित सरकार ने कहा है कि फिल्म ‘गर्म हवा’ देश के विभाजन पर आधारित उन फिल्मों में से एक है, जिसे वह सम्मान नहीं मिला, जिसकी वह हकदार थी। सरकार ने गुरुवार को ट्वीट किया कि फिल्म देखने के बाद उन्हें उसकी गंभीरता का अहसास हुआ। फिल्म का निर्देशन एम.एस. सथ्यू ने किया था।
Watched “Garam Hawa” again by MS Sathyu.. moved to the core.. one of the most underrated film based on partition and its aftermath.
— Shoojit Sircar (@ShoojitSircar) January 24, 2019
शूजीत ने ट्वीट किया, ‘एम.एस. सथ्यू की ‘गर्म हवा’ फिर देखी। उसकी गंभीरता का अहसास हुआ। विभाजन और उसके बाद की त्रासदी पर आधारित फिल्म, जिसे उतना महत्व नहीं मिला, जिसकी वह हकदार थी।’ वर्ष 1973 में रिलीज ‘गर्म हवा’ में बलराज साहनी मुख्य भूमिका में थे। इसकी पटकथा कैफी आजमी और शमा जैदी ने लिखी थी, जो उर्दू लेखक इस्मत चुगताई की लघु कथा पर आधारित है। इस फिल्म से जहाँ बॉलीवुड में फारुख शेख का आगमन हुआ था, वहीं यह बलराज साहनी की अन्तिम प्रदर्शित फिल्म थी, क्योंकि इस फिल्म के प्रदर्शन से पूर्व ही उनका निधन हो गया था। यह भारत की ओर से एकेडमी अवार्ड के बेस्ट फॉरिजन फिल्म कैटेगरी की आधाकारिक पृष्ठ थी। कॉन फिल्म महोत्सव में इसे पॉल्म डी’ओर पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। ‘गर्म हवा’ ने उस वर्ष का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने के साथ ही तीन फिल्मफेयर पुरस्कारों को जीता था। वर्ष 2005 में इंडिया टाइम्स ने इसे बॉलीवुड की सर्वाधिक देखी जाने वाली फिल्मों की सूची में 25वां स्थान प्रदान किया था। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे विभाजन के बाद एक मुस्लिम व्यापारी और उसका परिवार अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करता है।