मास्टरबेशन की मदद से मिलती है शांति, जानें इससे जुड़े फैक्ट्स के बारे में
By: Ankur Thu, 15 Nov 2018 1:23:48
मास्टरबेशन अर्थात हस्तमैथुन वह क्रिया होती हैं जो खुद की उत्तेजना को शांत करने के काम आती हैं। लड़का हो या लड़की सभी मास्टरबेशन की मदद लेते हैं। लेकिन क्या आप मास्टरबेशन से जुड़े फैक्ट्स के बारे में जानते हैं, क्योंकि लोगों के मन में मास्टरबेशन से जुडी कई भ्रांतियां फैली हुई हैं। तो आइये जानते है मास्टरबेशन से जुड़े फैक्ट्स के बारे में।
* सारे मर्द नहीं करते मास्टरबेट
अगर आपको लगता है कि पूरी दुनिया के सारे पुरुष मास्टरबेट करते हैं तो आपकी जानकारी गलत है। 2016 में हुई एक स्टडी के मुताबिक, सिर्फ 57 फीसदी स्ट्रेट मेन रोजाना मास्टरबेट करते हैं।
* वाइब्रेटर्स का यूज करती हैं महिलाएं
माना जाता है कि वाइब्रेटर्स का इस्तेमाल सिर्फ फीमेल मास्टरबेशन के लिए होता है। यह भी मिथ है। पुरुष भी स्टिम्युलेशन के लिए वाइब्रेटर का इस्तेमाल करते हैं और जो अक्सर ऐसा करते हैं, उनकी सेक्स ड्राइव और सेक्स लाइफ बेहतर होती है।
* चेहरा नहीं करता ग्लो
ऐसा नहीं है कि मास्टरबेट करने से आपका चेहरा ग्लो करने लगेगा या ऑरा शाइन करने लगेगा। एक शोध की मानें तो जो पुरुष जल्दी-जल्दी मास्टरबेट करते रहते हैं, वे खुश रहते हैं। उनका इम्यून सिस्टम भी दुरुस्त रहता है। मास्टरबेशन एनर्जी भी बूस्ट करता है।
* स्पर्म काउंट
जापान में हुई एक रीसर्च में सामने आया कि सेक्स के दौरान निकले सीमेन का स्पर्म काउंट, मास्टरबेशन के स्पर्म काउंट से कहीं ज्यादा होता है। स्पर्म काउंट इस बात पर निर्भर करता है कि आप सेक्सुअली कितने चार्ज्ड हैं। यानी कि किसी के साथ सेक्स करना ज्यादा इरॉटिक एक्सपीरियंस है।
* मास्टरबेशन के लिए उम्र सीमा नहीं
महिलाओं और पुरुषों में मास्टरबेशन के लिए कोई उम्र सीमा नहीं होती। हो सकता है 65 साल का कोई व्यक्ति मास्टरबेट करता हो और उसका 15 साल का पोता भी।
आयुर्वेद में भी बताया गया है सेक्स का सही समय, जानें किस वक्त ले इन हसीन पलों का मजा
किसी भी रिलेशनशिप की मजबूती के लिए बेहतर सेक्स का होना बहुत जरूरी होता हैं। सेक्स आपकी नजदीकियां बढाता हैं और इसी के साथ रिश्ते और तालमेल को बेहतर बनाता हैं। सेक्स को बेहतर बनाने में किस समय सेक्स किया जा रहा हैं, यह बहुत मायने रखता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए आयुर्वेद की जानकारी लेकर आए हैं जिसमें यह बताया गया है कि किस समय सेक्स किया जाना बेहतर साबित होता हैं। तो आइये जानते है इसके बारे में।
आयुर्वेद में माना जाता है कि सुबह 6 बजे से 8 बजे के दौरान पुरुष सबसे ज्यादा उत्तेजित होते हैं, हालांकि इस दौरान महिलाएं नींद में होती हैं और उनके शरीर का तापमान कम होता है। इसलिए इस वक्त सेक्स पुरुषों के लिए तो बढ़िया रहता है लेकिन महिलाओं इस वक्त सेक्स ज्यादा एंजॉय नहीं करतीं।
माना जाता है कि इस वक्त महिलाएं उत्तेजित होती हैं लेकिन पुरुषों का टेस्टोस्टेरॉन लेवल सामान्य होता है लिहाजा वे सेक्स के बजाए बढ़िया ब्रेकफस्ट की तलाश में हो सकते हैं।
आयुर्वेद की मानें तो दोपहर 2 बजे से 4 बजे के दौरान महिलाओं का रिप्रोडक्टिव सिस्टम काफी सक्रिय होता है तो अगर कंसीव करना चाहते हैं तो यह वक्त सही है।
आयुर्वेद के हिसाब से कहीं-कहीं यह भी लिखा पाया गया है कि सेक्स से शरीर में वात दोष बढ़ता है इसलिए सूरज निकलने के बाद से सुबह 10 बजे तक का समय सेक्स के लिए बेस्ट होता है। हालांकि भाग-दौड़ वाली लाइफस्टाइल को देखते हुए यह संभव नहीं तो हल्के डिनर के बाद रात 8 बजे से 10 बजे तक का समय सेक्स के लिए अच्छा माना जाता है।
आयुर्वेद के मुताबिक खाली पेट या भारी खाने के बाद सेक्स करने से वात का बैलेंस बिगड़ सकता है, इससे डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं, सिरदर्द और गैस्ट्रिक हो सकता है। सेक्स से पहले हल्का खाना खाएं। ये भी कहा गया है कि सर्दी और बसंत ऋतु की शुरुआत सही मौसम माने जाते हैं। गर्मी और पतझड़ के समय वात बढ़ जाता है इसलिए हमें सेक्स और ऑर्गैज्म की फ्रीक्वेंसी कम कर देनी चाहिए।