
ईरान, इजरायल और अमेरिका के बीच बीते दो हफ्तों से हालात बेहद तनावपूर्ण और खतरनाक बने हुए हैं। इजरायल और ईरान के बीच छिड़े युद्ध में अमेरिका ने भी पूरी ताकत झोंक दी थी और ईरान पर बम बरसाए थे। लेकिन अब जो खबर सामने आई है, उसने सभी को चौंका कर रख दिया है। व्हाइट हाउस की तरफ से बयान आया है कि अमेरिका अब कूटनीति के रास्ते पर लौटने की सोच रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि अमेरिका ने ईरान को करीब 30 अरब डॉलर की भारी-भरकम डील की पेशकश की है। हालांकि, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्र इसे बेहद गंभीर बदलाव मान रहे हैं।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और ईरान के बीच परदे के पीछे बातचीत जारी है। बताया जा रहा है कि अमेरिका अब ईरान में 20 से 30 अरब डॉलर तक का निवेश कर सकता है। इतना ही नहीं, यह भी दावा किया जा रहा है कि अमेरिका ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम में भी निवेश करने का मन बना रहा है — लेकिन शर्त यह है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ सिविल न्यूक्लियर एनर्जी के लिए होगा। गौर करने वाली बात ये है कि यह निवेश अमेरिका सीधे नहीं करेगा, बल्कि अरब देशों के ज़रिए ईरान तक पहुंचेगा।
ईरान के विदेश मंत्री का भावनात्मक बयान
दूसरी तरफ ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने अमेरिका के इन क़दमों पर प्रतिक्रिया देते हुए बिल्कुल अलग तस्वीर पेश की है। उनका कहना है कि अभी तक अमेरिका से किसी भी स्तर की बातचीत फिर से शुरू नहीं की गई है। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने सरकारी प्रसारक IRIB के हवाले से ये जानकारी दी है।
अराघची ने जोर देकर कहा कि बातचीत तभी संभव है जब ईरान के राष्ट्रीय हितों की पूरी सुरक्षा की जाए। उनके शब्दों में साफ झलकता है कि ईरान इस मुद्दे को लेकर बेहद गंभीर है: "हमारे फैसले सिर्फ और सिर्फ ईरान के हितों पर आधारित होंगे। अगर हमारी सुरक्षा और सम्मान के लिए बातचीत जरूरी है, तो हम इस पर विचार ज़रूर करेंगे। लेकिन अभी तक ना कोई समझौता हुआ है, ना बातचीत की शुरुआत।"














