
भारतीय मूल के इस्पात उद्योग के प्रमुख उद्योगपति लक्ष्मी एन मित्तल ने ब्रिटेन छोड़कर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में बसने का निर्णय लिया है। मित्तल ब्रिटेन के सबसे अमीर उद्योगपतियों में शामिल हैं और उन्होंने यह कदम वहां प्रस्तावित उच्च टैक्स दरों के कारण उठाया है। लेबर पार्टी की सरकार सुपर रिच उद्योगपतियों पर 20 प्रतिशत तक टैक्स बढ़ाने पर विचार कर रही है, जिससे मित्तल ने ब्रिटेन छोड़ने का मन बनाया।
लक्ष्मी एन मित्तल लंबे समय से ब्रिटेन में रह रहे हैं और वहां की सबसे धनी व्यक्तियों की सूची में नियमित रूप से शामिल रहते हैं। ‘द संडे टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, मित्तल अब दुबई में बसने पर विचार कर रहे हैं। उनकी अनुमानित संपत्ति 2025 में 15.4 अरब पाउंड मानी जा रही है और वह ब्रिटेन के आठवें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
सूत्रों के अनुसार, चांसलर राहेल रीव्स के 26 नवंबर 2025 को पेश किए जाने वाले बजट में अमीरों पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव शामिल है। इसी को देखते हुए मित्तल ब्रिटेन छोड़ने वाले नवीनतम अरबपति बन गए हैं। मित्तल पहले से ही दुबई में एक हवेली के मालिक हैं और अब उन्होंने नाइया द्वीप पर एक बड़ी विकास परियोजना के लिए जमीन के बड़े हिस्से खरीद लिए हैं।
मित्तल का जन्म राजस्थान में हुआ था, लेकिन 1995 में उनका परिवार लंदन शिफ्ट हो गया। लंदन में उनके केंसिंग्टन पैलेस गार्डन इलाके में कई आलीशान घर हैं, जिनमें संगमरमर से बना प्रतिष्ठित ‘ताज मित्तल’ भी शामिल है।
मित्तल से पहले भी टेक उद्योग के उद्यमी जैसे हरमन नरूला और रिवॉल्ट के को-फाउंडर निक स्तोरोंस्की टैक्स से बचने के लिए UAE जा चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लेबर सरकार का यह कदम ब्रिटेन में उद्योगपतियों के निवेश पर असर डाल सकता है।
लक्ष्मी एन मित्तल आर्सेलरमित्तल में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं, जिसकी कीमत लगभग 23.35 बिलियन पाउंड आंकी गई है। मित्तल लंबे समय से लेबर पार्टी के प्रमुख डोनर भी रहे हैं। टैक्स बढ़ने की संभावना और निवेश सुरक्षा की चिंताओं के चलते उन्होंने ब्रिटेन छोड़कर UAE में निवेश और निवास का रास्ता चुना है।














