इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना और सरकार एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का शिकार हुई है। हाल ही में फील्ड मार्शल बने जनरल आसिम मुनीर द्वारा आयोजित एक भव्य डिनर पार्टी में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक ऐसी युद्धकालीन तस्वीर भेंट की गई, जिसे भारत पर हालिया हमले की बताते हुए प्रस्तुत किया गया — लेकिन सच्चाई कुछ और ही निकली। तस्वीर असल में पांच साल पुरानी चीन की सेना की थी, जिससे अब पाकिस्तान की सैन्य साख पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने हाल ही में एक हाई-प्रोफाइल डिनर पार्टी आयोजित की, जिसमें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, बिलावल भुट्टो समेत देश के तमाम बड़े राजनीतिक और सैन्य अधिकारी शामिल हुए। लेकिन इस समारोह में एक ऐसा विवाद खड़ा हो गया जिसने पूरी पार्टी की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए।
दरअसल, इस डिनर के दौरान जनरल आसिम मुनीर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक सैन्य ऑपरेशन की तस्वीर उपहार स्वरूप भेंट की। मुनीर ने दावा किया कि यह तस्वीर हाल ही में भारत पर किए गए कथित 'ऑपरेशन बुनयान' की है। लेकिन बाद में सामने आया कि यह तस्वीर असल में 18 अगस्त 2018 को चीन की सेना PLA द्वारा किए गए एक सैन्य अभ्यास की है, जिसमें PHL-03 लॉन्ग-रेंज रॉकेट सिस्टम से रॉकेट दागे गए थे।
यह तस्वीर 2019 से इंटरनेट पर मौजूद है और पहले भी कई बार विभिन्न चीनी सैन्य अभियानों के संदर्भ में उपयोग की जा चुकी है। इस तरह शहबाज शरीफ को दिया गया यह तोहफा अब पाकिस्तानी सेना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहा है । सोशल मीडिया पर यह खबर फैलते ही पाकिस्तानी सेना और उसके प्रमुख को झूठ फैलाने और जनता को गुमराह करने के लिए जमकर ट्रोल किया जाने लगा।
यह डिनर पार्टी एक ऐसे समय में हुई जब भारत-पाक संबंध पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति में हैं। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाया था और 7 मई को सीमा पार आतंकी शिविरों पर कार्रवाई की थी। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों में ड्रोन और मिसाइल हमलों का आरोप झेला। हालात इतने बिगड़े कि 10 मई को दोनों देशों को सीजफायर का ऐलान करना पड़ा।
फर्जी तस्वीर भेंट करने जैसी गलती से पाकिस्तान की सेना की साख, और उसके सैन्य नेतृत्व की समझदारी पर गंभीर सवाल उठे हैं।