आज के समय में स्मार्टफोन हमारी एक अनिवार्य आवश्यकता बन चुका है। अब मोबाइल फोन का उपयोग केवल कॉलिंग और मैसेज तक सीमित नहीं रह गया है। बैंकिंग सेवाओं, ऑनलाइन पेमेंट, कैब बुकिंग, फूड ऑर्डर जैसी कई दैनिक जरूरतों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। यदि आप लंबे समय से एक ही फोन का उपयोग कर रहे हैं, तो आपको यह जानना जरूरी है कि कब आपका फोन बदलने का समय आ गया है। दरअसल, आपका फोन खुद आपको इसके संकेत देना शुरू कर देता है।
भले ही हर महीने कई ब्रांड्स अपने नए स्मार्टफोन लॉन्च करते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आपका फोन पुराना हो गया है। नया फोन खरीदने से पहले यह जरूर सोचें कि मौजूदा फोन कितने समय से आपके पास है और क्या इसके उपयोग में कोई दिक्कत आ रही है। फोन बदलने का निर्णय लेने से पहले कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देना आवश्यक है।
सबसे पहली चीज जिसे आपको चेक करना चाहिए, वह है सॉफ्टवेयर अपडेट्स। क्या आपके फोन को अब भी लेटेस्ट सिक्योरिटी या सिस्टम अपडेट मिल रहे हैं? कुछ कंपनियां अपने फोनों को 7 साल तक अपडेट देती हैं, जबकि कुछ सिर्फ 2 साल तक। औसतन 4 से 5 साल तक अधिकांश स्मार्टफोन को अपडेट्स मिलते हैं। अगर आपका फोन 4-5 साल पुराना हो चुका है और अपडेट्स आना बंद हो गए हैं, तो उसे बदलने पर विचार करना चाहिए। हालांकि, यह पूरी तरह आपकी जरूरत और उपयोग पर भी निर्भर करता है।
दूसरा महत्वपूर्ण संकेत यह है कि अगर आपका फोन धीमा हो गया है, बार-बार हैंग होता है या रिस्पॉन्स नहीं देता, तो यह साफ इशारा है कि अब अपग्रेड की जरूरत है। अधिकतर पुराने फोन नई तकनीकों के अनुरूप नहीं होते, जिससे परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है। ऐसे में नया फोन खरीदने का विचार किया जा सकता है, लेकिन यह आपकी आर्थिक स्थिति पर भी निर्भर करता है।
तीसरी बात, अगर फोन की बैटरी जल्दी खत्म हो रही है या बार-बार चार्जिंग की जरूरत पड़ रही है, साथ ही अगर हार्डवेयर में बार-बार खराबी आ रही है, तो भी फोन को बदल देना ही बेहतर होगा। हार्डवेयर एक बार खराब होने पर अक्सर दोबारा खराब हो जाता है। ऐसे में रिप्लेसमेंट ही सही विकल्प है। इसके अलावा, पुराने फोन में कई बार नए ऐप्स का सपोर्ट नहीं होता, जिससे सिक्योरिटी रिस्क बढ़ जाता है। फोन हैक होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में समझदारी इसी में है कि पुराने हैंडसेट को बदलकर नया फोन ले लिया जाए।