आज के समय में इन्वर्टर लगभग हर घर और दफ्तर में आम हो गया है। खासकर उन क्षेत्रों में, जहां बार-बार बिजली जाती है, वहां इन्वर्टर की जरूरत और भी अधिक महसूस होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर इन्वर्टर की बैटरी की सही देखभाल न की जाए, तो धीरे-धीरे उसका बैकअप कम होने लगता है? 90% लोग सबसे बड़ी गलती यही करते हैं कि उन्हें यह नहीं पता होता कि बैटरी में पानी कब डालना चाहिए।
चलिए जानते हैं कि इन्वर्टर की बैटरी में पानी कब और कैसे चेक करें, कैसे पता करें कि पानी डालने का सही समय आ गया है और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
बैटरी का पानी कम हो गया? जानें क्यों है यह गंभीर बात
इन्वर्टर बैटरी में पानी बदला नहीं जाता, बल्कि जब उसका स्तर कम हो जाए, तब उसमें डिस्टिल्ड वाटर (Distilled Water) डाला जाता है। यदि पानी का लेवल समय पर न देखा जाए, तो बैटरी सूखने लगती है, जिससे उसकी कार्यक्षमता कमजोर पड़ जाती है। इसका सीधा असर बैकअप पर पड़ता है और चार्जिंग की गति भी धीमी हो जाती है।
कितने समय के अंतराल पर डालें पानी?
यदि आपके घर में बिजली कम जाती है और इन्वर्टर का कम उपयोग होता है, तो हर 2-3 महीने में एक बार बैटरी का पानी चेक करना पर्याप्त होता है।
लेकिन यदि आप रोजाना लंबे समय तक इन्वर्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं, जैसे गर्मियों में जब पावर कट अधिक होते हैं, तब हर 1 से 1.5 महीने के बीच में बैटरी का वाटर लेवल जरूर जांचना चाहिए।
यह ध्यान रखें कि हर इन्वर्टर और बैटरी मॉडल की मेंटेनेंस गाइडलाइन अलग हो सकती है, इसलिए मैन्युफैक्चरर द्वारा दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें।
कैसे जानें कि बैटरी में पानी डालना जरूरी है या नहीं?
ज्यादातर इन्वर्टर बैटरियों में Minimum और Maximum लेवल का संकेत बना होता है। यदि पानी का स्तर Minimum मार्क से नीचे चला जाए, तो यह साफ संकेत है कि अब पानी डालना जरूरी है। लेकिन ध्यान रखें कि पानी का लेवल न तो बहुत कम हो और न ही बहुत ज्यादा। यह दोनों निशानों के बीच होना चाहिए। अधिक पानी डालने पर ओवरफ्लो हो सकता है, जिससे बैटरी को नुकसान पहुंच सकता है।
किन बातों का रखें विशेष ध्यान?
- हमेशा Distilled Water का ही उपयोग करें। नल का पानी बैटरी की उम्र घटा सकता है।
- जब तक जरूरी न हो, बैटरी का ढक्कन न खोलें।
- लेवल चेक करते समय हाथों में दस्ताने और आंखों पर चश्मा जरूर पहनें।
- यदि बैटरी अत्यधिक गर्म हो रही हो, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ से उसकी जांच कराएं।