
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने युवाओं के हित में एक साहसिक और दूरदर्शी फैसला लेते हुए 'स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना' के तहत चल रही स्मार्टफोन-टैबलेट योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब इस योजना के अंतर्गत सिर्फ स्मार्टफोन नहीं, बल्कि मुख्य रूप से टैबलेट वितरित किए जाएंगे। सरकार का मानना है कि पढ़ाई और डिजिटल शिक्षा के लिहाज़ से टैबलेट, स्मार्टफोन से कहीं ज्यादा फायदेमंद और उपयोगी उपकरण है।
इस बदलाव को औपचारिक रूप से लागू करने के लिए योगी सरकार जल्द ही कैबिनेट के पुराने फैसले को रद्द कर नया प्रस्ताव पारित करेगी। यह प्रस्ताव कैबिनेट में पेश किया जाएगा, जिसमें टैबलेट वितरण की पूरी प्रक्रिया, बजट और पात्रता की साफ़ और पारदर्शी जानकारी शामिल होगी।
कितना बजट और कितने डिवाइस मिलेंगे?
सरकार का लक्ष्य है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 15 लाख स्मार्टफोन और 10 लाख टैबलेट वितरित किए जाएं। इसके लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए 4000 करोड़ रुपये का विशेष बजट निर्धारित किया गया है, जो यह दिखाता है कि सरकार युवाओं की डिजिटल ज़रूरतों को कितनी प्राथमिकता दे रही है।
आखिर क्यों टैबलेट को चुना गया?
योगी सरकार की सोच है कि टैबलेट की बड़ी स्क्रीन, बेहतर प्रोसेसिंग स्पीड और लंबी बैटरी लाइफ इसे ऑनलाइन पढ़ाई, ई-लर्निंग, डिजिटल नोट्स, और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए बेहद उपयुक्त बनाती है। कोविड-19 के बाद जिस तरह डिजिटल शिक्षा का महत्व बढ़ा है, उस पृष्ठभूमि में यह बदलाव एक व्यावहारिक और दूरदर्शी कदम माना जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो पहले सरकार ने 25 लाख स्मार्टफोन खरीदने की योजना बनाई थी, जिस पर करीब 2493 करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे। लेकिन अब यह योजना पूरी तरह पुनर्गठित की जा रही है ताकि छात्रों को ज्यादा सक्षम डिवाइस मिल सकें।
किन छात्रों को मिलेगा इसका लाभ?
19 अगस्त 2021 को शुरू की गई यह योजना उन युवाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है जो ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, डिप्लोमा या तकनीकी शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इसका उद्देश्य है कि राज्य के करीब 1 करोड़ छात्रों को डिजिटल संसाधनों से जोड़ा जाए, ताकि वो पढ़ाई में पीछे न रह जाएं। खास बात यह है कि टैबलेट में प्री-लोडेड स्टडी मैटेरियल होगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र बिना इंटरनेट के भी पढ़ाई कर सकेंगे — एक ऐसा निर्णय जो शिक्षा को सशक्तिकरण से जोड़ता है।
आवेदन की प्रक्रिया क्या है?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्रों को अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी के माध्यम से आवेदन करना होगा। सरकार ने डुप्लीकेसी रोकने के लिए अब ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी है, जो डिजिशक्ति पोर्टल के "मेरी पहचान" सेक्शन से पूरी की जा सकती है। छात्र खुद से भी यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। आवेदन के बाद, जब टैबलेट की डिलीवरी की प्रक्रिया शुरू होगी, तो छात्रों को एसएमएस के माध्यम से स्थिति की जानकारी दी जाएगी — जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और भरोसा बना रहे।














