
यमुना एक्सप्रेसवे पर 16 दिसंबर को हुए भीषण सड़क हादसे में जान गंवाने वालों में से दस मृतकों की पहचान डीएनए परीक्षण के जरिए कर ली गई है। मथुरा पुलिस मंगलवार को इन शवों को उनके स्वजनों के हवाले करने की प्रक्रिया पूरी करेगी। हालांकि, अभी भी पांच शव ऐसे हैं जिनका डीएनए मिलान नहीं हो सका है और उनकी पहचान की कोशिशें जारी हैं।
अभी पांच शवों की पहचान बाकी
इस दर्दनाक हादसे में कुल नौ वाहन आपस में टकरा गए थे, जिसके बाद कई गाड़ियां आग की चपेट में आकर पूरी तरह जल गईं। इस दुर्घटना में 19 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। घायलों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, लेकिन मृतकों की पहचान प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी रही।
हादसे में जान गंवाने वाले 19 लोगों में से चार शवों की पहचान उनके परिजनों ने मौके पर ही कर ली थी। बाकी 15 शव बुरी तरह झुलस चुके थे, जिससे उनकी पहचान संभव नहीं हो पा रही थी। अलग-अलग जिलों से कई परिवारों ने दावा किया कि मृतकों में उनके अपने भी शामिल हैं, लेकिन ठोस प्रमाण न होने के कारण पुलिस ने डीएनए जांच का सहारा लिया।
आगरा लैब में भेजे गए थे DNA सैंपल
पहचान की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने सभी अज्ञात शवों के परिजनों के सैंपल एकत्र कर आगरा स्थित फॉरेंसिक लैब में डीएनए जांच के लिए भेजे थे। यह प्रक्रिया समय लेने वाली रही, क्योंकि कई मामलों में नमूनों की स्थिति बेहद खराब थी।
सोमवार को संभव हो सका 10 शवों का DNA मिलान
काफी प्रयासों और वैज्ञानिक जांच के बाद सोमवार को फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने दस शवों के डीएनए का सफलतापूर्वक मिलान कर लिया। मथुरा के एसएसपी श्लोक कुमार ने जानकारी दी कि इन मिलानों की आधिकारिक रिपोर्ट मंगलवार सुबह तक प्राप्त हो जाएगी। रिपोर्ट मिलते ही संबंधित परिजनों को बुलाकर शव उन्हें सौंप दिए जाएंगे।
पुलिस प्रशासन का कहना है कि शेष पांच शवों की पहचान के लिए भी डीएनए मिलान की प्रक्रिया लगातार जारी है और जैसे ही पुष्टि होगी, उनके स्वजनों को भी सूचित किया जाएगा। इस हादसे ने न सिर्फ कई परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया है, बल्कि पूरे इलाके को भी स्तब्ध कर दिया है।













