
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में एक और स्थान का नाम परिवर्तित करने की घोषणा की है। इस बार फाजिलनगर का नाम बदला जाएगा, जिसे जैन समाज की आस्था और ऐतिहासिक विरासत के अनुरूप नया नाम दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा रविवार को गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित श्री तरुण सगराम पारसनाथ अतिशय तीर्थ धाम में गुफा मंदिर के उद्घाटन अवसर पर की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि जैन मुनियों की परंपरा त्याग, तपस्या और नैतिक जीवन का आदर्श प्रस्तुत करती है। यह परंपरा समाज को सही दिशा दिखाने और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाने का काम करती है। इसी भावना के साथ उन्होंने ऐलान किया कि कुशीनगर जिले के फाजिलनगर को अब ‘पावा नगर’ के नाम से जाना जाएगा। पावा वही पावन स्थान माना जाता है जहां भगवान महावीर ने अपना महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। ऐसे में क्षेत्र की पहचान को उसके धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के अनुरूप पुनर्स्थापित किया जाना आवश्यक है।
कुशीनगर का फाजिलनगर एक प्रमुख कस्बा है, जो अपनी रणनीतिक स्थिति एवं व्यावसायिक गतिविधियों के चलते काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है, जिसके कारण यह इलाके में व्यापार, यातायात और परिवहन का बड़ा केंद्र रहा है।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नौ संकल्पों की अवधारणा को जैन समाज अपनी अनुशासित जीवनशैली, आत्मनिर्भरता, सेवा भाव और समाज सुधार के प्रयासों से साकार रूप दे रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आध्यात्मिकता ही वह आधार है, जो समाज में संतुलन, सद्भाव और स्थायी विकास का मार्ग प्रशस्त करती है।
समारोह में मौजूद प्रसन्न सागर महाराज ने कहा कि भारत सदियों से तप, संयम और साधना की भूमि रहा है। सनातन धर्म की राजनीति में बढ़ती सहभागिता यह संकेत देती है कि देश अब आध्यात्मिक मूल्यों पर चलते हुए आगे बढ़ रहा है।
कार्यक्रम के दौरान तरुण सागर तीर्थ और तरुण क्रांति मंच ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री से क्षेत्र में गुरुकुल, गौशाला और आयुर्वेदिक विद्यालय स्थापित करने का अनुरोध किया। उनका कहना था कि इससे युवाओं को पारंपरिक भारतीय शिक्षा, पशुपालन तथा आयुर्वेद आधारित ज्ञान प्राप्त होगा, जो समाज को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।














