
मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) अभियान ने इस बार सिर्फ प्रशासनिक काम ही नहीं किया, बल्कि बिछड़े रिश्तों को फिर से जोड़ने का माध्यम भी बन गया। वर्षों पहले प्रेम विवाह कर अपने घर-परिवार से दूर हो चुकी युवतियों को जब EPIC ID और 2003 की मतदाता सूची की जानकारी भरनी पड़ी, तब उन्हें अपने परिजनों से दोबारा संपर्क करना पड़ा। कई जगहों पर दशक भर बाद मां-बेटी की भावुक बातचीत ने रूठे परिवारों को फिर से एक कर दिया। सरकारी दस्तावेजों की इस औपचारिक प्रक्रिया ने मानो वर्षों की दूरी पाट दी।
चार साल से टूटे रिश्ते, एक कॉल ने बदली कहानी
सदर तहसील क्षेत्र के नवादा गांव की एक युवती अपनी मर्ज़ी से चार साल पहले प्रेम विवाह कर चली गई थी। परिजन तलाशते रहे, पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई, लेकिन बालिग होने के कारण युवती ने प्रेमी के संग रहने का फैसला किया। इसके बाद दोनों परिवारों का संपर्क पूरी तरह टूट गया। चार साल तक लड़की की अपने परिवार से बातचीत तक नहीं हुई। लेकिन इस वर्ष जब प्रदेश में SIR अभियान शुरू हुआ और 2003 की मतदाता सूची से जुड़ी जानकारी ज़रूरी हुई, तब युवती ने वर्षों बाद अपने घर फोन किया। उसने मां से वह विवरण मांगा जो चुनाव से संबंधित दस्तावेज़ों में दर्ज था। यह छोटा-सा प्रशासनिक कदम बड़े भावनात्मक मिलन का कारण बन गया।
यह घटना अकेली नहीं है। जिले की अन्य तहसीलों में भी कई युवतियां, जिन्होंने प्रेम विवाह के बाद परिवार से दूरी बना ली थी, अब 2003 की सूची में नाम, भाग संख्या और क्रमांक खोजने के लिए अपनों से संपर्क करने लगी हैं। खासतौर पर मुस्लिम बहुल इलाकों में ऐसे मामलों की भरमार देखने को मिली है।

दस साल बाद बेटी की आवाज़ सुनकर भावुक हुई मां
बुलंदशहर की सुलेखा, जो करीब 10 साल पहले बिसौली क्षेत्र के संग्रामपुर निवासी नवाब हसन के साथ प्रेम विवाह कर लाई थी, शादी के बाद मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार ‘रिहाना’ बन गई। दो बच्चों की मां बनने तक उसने अपने मायके से संपर्क नहीं किया। इस बार जब SIR फॉर्म में 2003 की मतदाता सूची से जुड़ी जानकारी भरनी पड़ी, तो रिहाना को अपने गांव का बूथ नंबर, भाग संख्या आदि कुछ भी याद नहीं था। उसने वर्षों बाद अपने घर फोन मिलाया। मां ने जैसे ही बेटी की आवाज़ सुनी, भावुक होकर रो पड़ीं। रिहाना ने अपनी परेशानी बताई और ज़रूरी विवरण मांगा। दस साल बाद हुई इस बातचीत ने दोनों के बीच की भावनात्मक दीवार को पल भर में गिरा दिया।
लव मैरिज के कई मामले उभरकर सामने
ब्लॉक आसफपुर की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर में मतदाता सूची की जांच शुरू होते ही प्रेम विवाह से जुड़े कई पुराने मामले सामने आने लगे। पंचायत में 70% मुस्लिम और 30% हिंदू आबादी निवास करती है। यहां के कई युवकों ने दिल्ली, कश्मीर, बंगाल, बिहार और उड़ीसा की युवतियों से प्रेम विवाह किए हैं। इनमें से कई युवतियों के नाम बदलकर बिना उचित दस्तावेज़ के वोटर लिस्ट में शामिल कर दिए गए थे। अब SIR प्रक्रिया के तहत पैतृक परिवार, स्थायी निवास और पहचान से जुड़े प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य हो गया है। ऐसे में कई प्रेमी जोड़े कठिनाई में हैं और वर्षों बाद अपने परिजनों से संपर्क कर दस्तावेज़ जुटाने में लगे हैं।
2003 की मतदाता सूची ऐसे करें प्राप्त
चुनाव आयोग ने 2003 की मतदाता सूची ऑनलाइन उपलब्ध करा रखी है। कोई भी व्यक्ति अपने जिले, विधानसभा क्षेत्र और गांव का नाम भरकर उसे आसानी से देख सकता है। SIR गणना प्रपत्र भरते समय आवश्यक जानकारी वहीं से प्राप्त की जा सकती है।
अगर किसी कारण जानकारी न मिले, तो चुनाव आयोग द्वारा चार दिसंबर के बाद नए मतदाता जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। तब भी आवेदन किया जा सकता है। SIR फॉर्म भरना फिलहाल अनिवार्य है, और यदि परिवार की जानकारी उपलब्ध नहीं है, तो तीसरा विकल्प चुनकर प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकती है।
अधिकारियों की अपील
एसडीएम और SIR मास्टर ट्रेनर मोहित कुमार के अनुसार— “प्रेम विवाह और दूर रहने वाले मतदाताओं के कई मामले सामने आए हैं। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं। 2003 का सारा रिकॉर्ड आयोग की वेबसाइट पर मौजूद है। अगर फिर भी जानकारी न मिले तो SIR फार्म में तीसरा विकल्प भरकर आगे की प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं।”














