
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने एक ऐसा कदम उठा लिया है, जिसने न सिर्फ यूपी, बल्कि कई अन्य राज्यों में भी राजनीतिक चर्चा का माहौल गर्म कर दिया है। राजभर ने अपनी एक अलग टीम तैयार की है, जिसे उन्होंने राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना (RSS) का नाम दिया है। यह घोषणा सामने आते ही राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
नीली यूनिफॉर्म में तैयार दिखाई दिए ‘सुहेलदेव सैनिक’
राजभर की इस नई सेना के सदस्यों को पूरा ड्रेस कोड दिया गया है। नीले रंग की यूनिफॉर्म, पीले रंग की बेल्ट, कंधों पर स्टार लगे चिन्ह, छाती पर विशेष बैज, सिर पर बैरेट कैप और हाथ में पीले रंग की लाठी—इन सभी के साथ यह नई टुकड़ी किसी संगठित फोर्स की तरह दिखाई देती है। कई कार्यक्रमों में इन सैनिकों ने एकसमान ड्रेस में भाग लेकर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
कैसी होगी राजभर की ‘राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना’?
इस फोर्स की संरचना भी किसी आधिकारिक दल जैसी है। इसमें कमांडर, सीओ, डीएसपी, एसआई और इंस्पेक्टर जैसे पद बनाए गए हैं। ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि उनकी यह सेना गांवों और कस्बों के युवाओं को कौशल विकास और सामाजिक सहयोग की दिशा में आगे बढ़ाने का काम करेगी।
कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अरुण राजभर ने यह स्पष्ट किया है कि सुहेलदेव सेना का गठन पहले भी किया गया था, लेकिन तब केवल पीला गमछा और टी-शर्ट ही यूनिफॉर्म थी। इस बार इसे पूरी तरह औपचारिक रूप देते हुए पूरी ड्रेस लॉन्च की गई है। सैनिकों की रैंक के हिसाब से उनके कंधों पर सितारे लगाए गए हैं।
राजभर की RSS की शुरुआत कहाँ और कैसे?
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना की शुरुआत प्रदेश के 22 जिलों में हो चुकी है। राजभर का लक्ष्य है कि जल्द ही इस फोर्स में एक लाख सदस्य शामिल हों। वे चाहते हैं कि इन युवाओं को अलग-अलग क्षेत्रों में ट्रेनिंग दिलाई जाए। इसके लिए रिटायर्ड आईएएस, पीसीएस अधिकारियों, लेखपालों और अन्य विशेषज्ञों को भी प्रशिक्षक के रूप में जोड़ा जाएगा।
राजभर का दावा है कि यह सेना समाज के विभिन्न जरूरतमंद वर्गों की मदद करेगी, लोगों को जागरूक बनाएगी और युवाओं को अनुशासन व कौशल के साथ आगे बढ़ने का रास्ता दिखाएगी। उनकी यह पहल अब पूरे प्रदेश में राजनीतिक बहस का नया मुद्दा बन गई है।














