
ओडिशा के गहीरमाथा समुद्री अभयारण्य में समुद्र किनारे एक रहस्यमयी जहाज का मलबा दिखाई देने से लोगों में जिज्ञासा बढ़ गई है। चक्रवात ‘मोंथा’ के गुजरने के बाद यह ढांचा अचानक तट के पास नजर आया, जिसने स्थानीय लोगों और अधिकारियों को हैरान कर दिया है। समुद्र के उग्र रूप शांत होने के बाद जब लहरें पीछे हटीं, तब यह पुराना जहाज समुद्र की रेत से झांकता हुआ दिखाई दिया।
रहस्यमय ढांचा जो भाटा में दिखता है, ज्वार में डूब जाता है
गहीरमाथा के तटीय क्षेत्र नासीरु से करीब एक किलोमीटर दूर यह मलबा देखा गया। स्थानीय मछुआरों के अनुसार, जब समुद्र में भाटा आता है तो जहाज का बड़ा हिस्सा पानी से बाहर नजर आता है, लेकिन ज्वार चढ़ने पर यह पूरी तरह लहरों में गायब हो जाता है। जहाज की बनावट और धातु की संरचना को देखकर वन विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि यह संभवतः ब्रिटिश काल का जहाज है, जो किसी दुर्घटना के चलते समुद्र में डूब गया होगा।
दस साल बाद फिर दिखा जहाज का मलबा
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस जहाज का मलबा लगभग दस साल पहले भी कुछ समय के लिए दिखाई दिया था। लेकिन बाद में समुद्र की लहरों ने इसे दोबारा गहराई में समा दिया। अब चक्रवात मोंथा के असर से समुद्र की तलहटी में आई हलचल और तेज ज्वार के कारण यह ढांचा फिर से तट के पास आ गया है।
चक्रवात मोंथा के बाद उभरा समुद्री रहस्य
पिछले दिनों चक्रवात मोंथा ने ओडिशा के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाई थी। समुद्र में उफान आने से लहरें तट पार कर स्थलीय इलाकों तक पहुंच गई थीं। इसी ज्वार के साथ माना जा रहा है कि यह जहाज का ढांचा समुद्र की गहराई से बहकर किनारे की ओर आ गया। यह भी संभव है कि तूफानी लहरों ने रेत को हटाकर वर्षों से दफन मलबे को उजागर कर दिया हो।
जांच में जुटे अधिकारी
फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि यह जहाज कहां से आया था और कब डूबा था। वन विभाग और समुद्री पुरातत्व विशेषज्ञ इस मलबे की जांच करने की तैयारी कर रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि यह किसी औपनिवेशिक युग के व्यापारिक जहाज का हिस्सा हो सकता है, जो तूफान या तकनीकी खराबी की वजह से समुद्र में समा गया था।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे इस जगह पर बिना अनुमति के न जाएं, क्योंकि समुद्र का यह इलाका संरक्षित क्षेत्र में आता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जांच में यह मलबा ब्रिटिश कालीन साबित होता है, तो यह ओडिशा के समुद्री इतिहास का एक महत्वपूर्ण प्रमाण बन सकता है।














