
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंफाल में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मणिपुर को स्थायी शांति और निरंतर विकास की राह पर आगे बढ़ाना समय की मांग है। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे समाप्त कर राज्य को अवसरों का केंद्र बनाना होगा।
प्रधानमंत्री ने इंफाल को “अवसरों का शहर” बताते हुए कहा कि यह उन स्थानों में से एक है जो भारत की प्रगति को नई दिशा देंगे। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि नेपाल में सुशीला कार्की के अंतरिम प्रधानमंत्री बनने से पड़ोसी देश में शांति, स्थिरता और समृद्धि का वातावरण मजबूत होगा।
“पूर्वोत्तर की सदी” – मोदी का विज़न
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि 21वीं सदी पूर्वोत्तर भारत की सदी है और इसमें मणिपुर की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने कहा, “हमें मिलकर मणिपुर को शांति और प्रगति के मार्ग पर ले जाना है। राज्य की पहचान हिंसा से नहीं बल्कि विकास से होनी चाहिए।”
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें मणिपुर के वीर जवानों ने जिस साहस का परिचय दिया, वह पूरे देश के लिए प्रेरणा है।
इंफाल को मिली 12 हजार करोड़ की सौगात
इंफाल दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने करीब 12,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 17 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। यह आयोजन ऐतिहासिक कांगला किला परिसर में किया गया। उल्लेखनीय है कि मई 2023 में मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच भड़की हिंसा के बाद पीएम मोदी का यह पहला मणिपुर दौरा था।
मुख्य परियोजनाओं में शामिल हैं –
101 करोड़ रुपये की लागत से बना नया मणिपुर पुलिस मुख्यालय,
538 करोड़ रुपये से निर्मित सिविल सचिवालय,
दिल्ली और कोलकाता स्थित नवनिर्मित मणिपुर भवन,
इंफाल नदी के पश्चिमी मोर्चे के विकास कार्य चरण-2,
मॉल रोड चरण-2,
चार इमा बाजार (विशेष रूप से माताओं के लिए),
पांच सरकारी कॉलेजों का बुनियादी ढांचा विकास,
तथा इंफाल-जिरीबाम नेशनल हाईवे-37 पर बना चार लेन का पुल।
विस्थापित परिवारों से संवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान हिंसा से प्रभावित और विस्थापित लोगों से भी मुलाकात की। इंफाल और चूड़ाचांदपुर दोनों जगहों पर उन्होंने राहत शिविरों का दौरा किया और आंतरिक रूप से विस्थापित परिवारों की समस्याएं सुनीं।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव सहयोग करेगी। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, “मैंने जिन लोगों से बातचीत की, उनमें उम्मीद और भरोसा साफ दिखाई दिया। यह संकेत है कि मणिपुर में नई सुबह का आरंभ हो चुका है।”
विरोध में उतरे विपक्षी दल
दूसरी ओर, पीएम मोदी के दौरे का विरोध भी हुआ। कांग्रेस और मणिपुर पीपुल्स पार्टी (एमपीपी) की युवा इकाई ने कार्यक्रम स्थल के पास प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का यह दौरा केवल राजनीतिक लाभ के लिए है और वास्तविक समस्याओं पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
युवा कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी की और कहा कि राज्य में शांति बहाल करने की बजाय सरकार केवल दिखावा कर रही है।
दो साल से जारी संकट और मानवीय चुनौती
मई 2023 से अब तक मणिपुर जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। इस दौरान 260 से अधिक लोगों की जान गई है और 60 हजार से ज्यादा लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं। इनमें करीब 40 हजार कुकी-जो समुदाय से और लगभग 20 हजार मेइती समुदाय से जुड़े हैं।
हजारों लोग राज्य छोड़कर बाहर जा चुके हैं, जबकि बड़ी संख्या में विस्थापित लोग राहत शिविरों में बेहद कठिन परिस्थितियों में रह रहे हैं। राहत शिविरों की बदहाल स्थिति और लंबे समय से जारी हिंसा राज्य और केंद्र, दोनों सरकारों के लिए गंभीर चुनौती बनी हुई है।














